वाशिंगटन : अमेरिका के मुहाजिर समुदाय ने सिंध, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में पाकिस्तान के अत्याचार पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार सत्र में भारत के बयान का स्वागत किया. अमेरिका में रह रहे मुहाजिर नेता और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के पूर्व संयोजक नदीम नुसरत ने कहा, ‘मानवाधिकार उल्लंघन पर भारत के बयान में सिंध का नाम शामिल किया जाना सात करोड़ मुहाजिरों के लिए महत्वपूर्ण और बड़ा घटनाक्रम है.’
पाकिस्तान में मुहाजिरों की बदहाली पर उनकी आवाज उठाने के लिए भारत सरकार की सराहना करते हुए नुसरत ने कहा कि पाकिस्तान में जातीय समूहों के दमन का उल्लेख करते हुए वैश्विक समुदाय ने पूर्व में सिंध खासकर कराची शहर और सिंध प्रांत के शहरी क्षेत्र को नजरंदाज किया. एमक्यूएम ने पाकिस्तान के कराची में मुहाजिरों और अन्य जातीय अल्पसंख्यक समुदायों पर कथित राज्य प्रायोजित अत्याचार का मुद्दा उठाते हुए इस साल ‘फ्री कराची’ अभियान की शुरुआत की थी.
दरअसल भारत ने पाकिस्तान के सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांत में पाकिस्तान सरकार द्वारा लोगों पर किये जा रहे अत्याचारों का मुद्दा उठाया था. नदीम ने कहा कि वह भारत सरकार के शुक्रगुजार हैं कि उसने पाकिस्तान में रह रहे मुहाजिरों के हक की आवाज उठायी. उन्होंने कहा कि विश्व समुदाय ने लंबे समय तक सिंध प्रांत में विशेषकर कराची शहर और अन्य शहरी इलाकों में हम पर की जा रही बर्बरता के प्रति अपनी आंखें मूंदे रखीं. साल की शुरुआत में सिंध, बलूच, पश्तून और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर पाकिस्तान सरकार के बढ़ते जुल्मों के प्रति पूरी दुनिया का ध्यान खींचने के लिए ‘फ्री कराची’ अभियान चलाया गया था. नदीम ने दक्षिण एशिया और विश्व शक्तियों से पाक सरकार पर मानवाधिकार उल्लंघन को रोकने के लिए दबाव बनाने का आग्रह किया है.