घट रही है जापान के पीएम शिंजो आबे की लोकप्रियता, लग रहे हैं कई आरोप
तोक्यो : भाई- भतीजावाद और उस पर लीपापोती के स्कैंडल को लेकर जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे पर दबाव बढ़ रहा है. नए सर्वेक्षण में यह सामने आया है कि अक्तूबर में उनके दोबारा चुने जाने के बाद से उनके प्रति समर्थन अपने सबसे नीचे स्तर तक पहुंच गया है. जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे […]
तोक्यो : भाई- भतीजावाद और उस पर लीपापोती के स्कैंडल को लेकर जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे पर दबाव बढ़ रहा है. नए सर्वेक्षण में यह सामने आया है कि अक्तूबर में उनके दोबारा चुने जाने के बाद से उनके प्रति समर्थन अपने सबसे नीचे स्तर तक पहुंच गया है. जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे पर कई आरोप लग रहे हैं. स्कूल घोटाले से हटा दिया गया है जिसे लेकर प्रधानमंत्री पर मामले को रफा-दफा करने का आरोप लगाया जा रहा है. इस मामले में स्वयं प्रधानमंत्री और उनके करीबी वित्त मंत्री तारो आसो का भी नाम सामने आया है.
विवादित भूमि बिक्री से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेजों को सांसदों के पास भेजने से पहले उनमें छेड़छाड़ की गई थी. इस घटना के बाद आबे और वित्त मंत्री तारो असो निशाने पर आ गये. विपक्ष ने सोमवार को असो से इस्तीफे की मांग की. उन्होंने स्वीकार किया था कि उनके मंत्रालय ने संसद में भेजे गए दस्तावेजों के14 सेटों में बदलाव किया था.
यह विवाद 2016 में सरकारी भूमि को स्कूलों के उस राष्ट्रवादी संचालक को बेचे से संबंधित है जो आबे और उनकी पत्नी अकी सेअपने संबंध होने का दावा करता है. यह बिक्री बाजार मूल्य से बहुत कम कीमत पर की गई. इसमें यह आरोप भी लगे की इस समझौते को अंजाम तक पहुंचाने के पीछे उच्च स्तरीय संपर्क रहे हैं. इन संकेतों के बीच आबे और असो ने इस मामले में माफी मांगी है कि प्रधानमंत्री की लोकप्रियता घट रही है.
छह माह बाद ही आबे सत्तारूढ़ एलडीपी पार्टी के प्रमुख के पद का चुनाव लड़ने वाले हैं सरकारी प्रसारणकर्ता एनएचके ने मंगलवार को एक सर्वेक्षण जारी किया था जिसमें बताया गया था कि आबे सरकार के प्रति समर्थन अक्तूबर में उनके दोबारा चुने जाने के बाद से सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया. पिछले महीने के मुकाबले उनके प्रति समर्थन दो फीसदी गिरकर44 फीसदी पर पहुंच गया। योमिउरी शिमबुन दैनिक में आए एक अन्य सर्वेक्षण में बताया कि समर्थन छह फीसदी घटा है.