बर्लिन : जर्मनी की संसद ने चांसलर पद के लिए एंजला मर्केल को उनके चौथे कार्यकाल के लिए बुधवार को चुना. इस तरह से यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में करीब छह महीने से चल रहा राजनीतिक गतिरोध खत्म हो गया. संसद में 364 में से 315 सांसदों ने मर्केल के पक्ष में वोट दिया. मर्केल एक बदली हुई कैबिनेट की अध्यक्षता करेंगी. वित्त, विदेश, अर्थव्यवस्था और गृह जैसे अहम मंत्रालयों में नये चेहरे हैं. चुनाव के 171 दिनों बाद का संसदीय वोट हुआ. हालांकि, गठबंधन के करीब 35 सांसदों ने उनका समर्थन नहीं किया.
बर्लिन के फ्री विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर टी फास ने कहा कि गठबंधन के 2021 तक बने रहने की संभावना है. पद के लिए शपथ लेने से पहले राष्ट्रपति फ्रैंक वाल्टर मर्केल को औपचारिक रूप से नियुक्त करेंगे. गौरतलब है पिछले छह माह से जर्मनी में राजनीतिक संकट जारी था. करोड़ों मतदाताओं ने जर्मनी की दो अहम राजनीतिक पार्टियों को त्याग दिया था. मर्केल की क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन ऑफ जर्मनी पार्टी (सीडीयू) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसपीडी) को जनता ने त्याग दिया था. इसके बाद सीडीयू और क्रिश्चियन सोशल यूनियन जो कि सीडीयू का ही हिस्सा है ने सेंटर, लेफ्ट सोशल डेमोक्रेट्स के साथ एक गठबंधन तैयार किया. इस संगठन की संसद में 709 में से 399 सीटें हैं.
जर्मनी की कैबिनेट ने नतीजे के बाद नाटकीय तौर पर बदलाव हुआ है. इसमें कई नये चेहरों को अहम पददिये गये जिसमें विदेश, वित्त और आंतरिक मंत्रालय जैसे विभाग शामिल हैं. सीडीयू पार्टी के ट्विटर एकाउंट पर मर्केल की ओर से डाले गये एक पोस्ट में कहा गया, मैं स्पष्ट नतीजे के लिए एसपीडी को मुबारकबाद देती हूं और जर्मनी के विकास के लिए और भी सहयोग की उम्मीद करती हूं. शुरुआत में एसपीडी ने मर्केल के अंतर्गत चार साल तक काम करने से इनकार किया था. एसपीडी के कार्यवाहक अध्यक्ष ओलफ स्कूल्ज ने कहा था, हम तय कर चुके हैं. एसपीडी अगली सरकार में शामिल होगी. उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से मंत्रिमंडल में तीन महिलाओं और तीन पुरुषों को भेजने की योजना है.