वाशिंगटन : भारत में भगोड़ा करार दियेगये डॉन दाऊद इब्राहीम की डी कंपनी ने पाकिस्तान के बाहर भी कई देशों में अपने पैर पसार लिये हैं. जॉर्ज मैसन यूनिवर्सिटी के सेचार स्कूल ऑफ पॉलिसी में प्रोफेसर डॉ लुईस शेली ने अमेरिकी सांसदों को बताया कि भारत से संबद्ध पाकिस्तान स्थित आपराधिक-आतंकी समूह डी-कंपनी ने नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए कई देशों में पांव पसार लिये हैं. इसने एक शक्तिशाली संगठन का रूप ले लिया है.
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शेली ने दावा किया कि डी-कंपनी का जाल कई देशों में फैला हुआ है. उन्होंने आतंकवाद और अवैध वित्त पोषण पर सदन की वित्तीय सेवाओं संबंधी समिति द्वारा आयोजित सुनवाई के दौरान कहा, ‘मैक्सिको के नशीले पदार्थों के संगठनों की तरह डी-कंपनी का जाल विभिन्न देशों में फैला है. वे हथियारों, नकली डीवीडी की तस्करी करते हैं और हवाला संचालकों की व्यापक व्यवस्था के जरिये वित्तीय सेवाएं मुहैया कराते हैं.’
डी-कंपनी का मुखिया भारत में भगोड़ा करार दिया गया डॉन दाऊद इब्राहीम है. अपराध के बड़े मामलों और मुंबई जैसे स्थानों पर आतंकवादी हमलों के मामलों में भारत में वांछित दाऊद का डेरा अब पाकिस्तान के कराची शहर में है. अमेरिकी और भारतीय अधिकारियों ने यह दावा किया है. हालांकि, पाकिस्तानी अधिकारी अपने देश में दाऊद के होने से इन्कार करते रहे हैं.
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दाऊद के खिलाफ भारत के अभियान को अमेरिका ने आखिरकार वर्ष 2003 में स्वीकार किया. उस समय अमेरिका के राजकोष विभाग ने दाऊद को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया, जिसके तार अल कायदा से जुड़े हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र ने भी उस पर प्रतिबंध लगा रखे हैं. पाकिस्तान पर दाऊद को शरण देने की भारत की बात की पुष्टि करते हुए उस समय राजकोष विभाग ने कहा था कि दाऊद कराची में है और उसके पास पाकिस्तानी पासपोर्ट है.