नमो एप विवाद पर अमेरिकी कंपनी की सफाई, हम न डेटा बेचते हैं और ना ही किराये पर देते
वॉशिंगटन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक मोबइल एप को लेकर आरोपों का सामना कर रही अमेरिकी कंपनी ने मंगलवारको सफाई पेश की है. कंपनी पर आरोप है कि उसने बिना उपयोगकर्ताओंकी सहमति के मोदी एप से उनका व्यक्तिगत डेटा प्राप्त किया. कंपनी ने कहा कि वह डेटा को बेचती या किराये पर नहीं देती […]
वॉशिंगटन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक मोबइल एप को लेकर आरोपों का सामना कर रही अमेरिकी कंपनी ने मंगलवारको सफाई पेश की है. कंपनी पर आरोप है कि उसने बिना उपयोगकर्ताओंकी सहमति के मोदी एप से उनका व्यक्तिगत डेटा प्राप्त किया. कंपनी ने कहा कि वह डेटा को बेचती या किराये पर नहीं देती है.
कंपनी के सह-संस्थापक आनंद जैन ने ई-मेल से भेजे जवाब में कहा, प्रकाशक द्वारा उसके पास संग्रहित डेटा तक क्लेवरटैप के कर्मचारियों की कोई पहुंच नहीं है. उनसे पूछा गया था कि क्या नमो एप के जरिये कंपनी की पहुंच उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत जानकारियों तक है. अमेरिका की पांच साल पुरानी स्टार्टअप कंपनी को एक शोधकर्ताओं के आरोप के कारण आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. शोधकर्ता का आरोप है कि मोदी का नमो एप नाम, ई- मेल, मोबाइल नंबर, उपकरण की जानकारी और लोकेशन जैसी निजी जानकारियां बिना उपयोगकर्ताओं की सहमति के कंपनी द्वारा नियंत्रित सर्वरों को भेज रहा है.
शोधकर्ता इलियट एल्डरसन ने ट्वीट कर खामी उजागर की थी. हालांकि, भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि डेटा का इस्तेमाल केवल थर्ड पार्टी एनालिटिक्स के लिए होता है. जैन ने सोमवार को अपने ब्लाग पोस्ट में बिना नमो एप का नाम लिए कहा, निजता, सुरक्षा और क्लेवरटैप जैसे सेवा प्रदाताओं की भूमिका को लेकर हाल में चल रही चर्चा को लेकर हम सुरक्षा, उपयोगकर्ता की सहमति और डेटा सुरक्षा को लेकर अपना रुख स्पष्ट करना चाहते हैं. क्लेवरटैप प्रकाशकों के डेटा के साथ बेचने, साझा करने, किराये पर देने जैसा कोई काम नहीं करती है.
जैन ने कहा कि प्रकाशकों द्वारा एकत्र डेटा और सेवा प्रदाता के साथ साझा किये डेटा का नियंत्रण प्रकाशकों की गोपनीय नीति के आधार पर होता है. हम न तो प्रकाशकों की गोपनीय नीति को नियंत्रित करते हैं और न ही उनकी समीक्षा करते हैं. हम अपने स्तर पर अन्य स्त्रोतों से प्राप्त डेटा का संयोजन या उसको बढ़ाते नहीं हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि क्लेवरटैप ब्रांड है और उसकी पैतृक कंपनी का नाम विजरॉकेट है. कंपनी की स्थापना मई 2013 में तीन भारतीयों आनंद जैन, सुनील थॉमस और सुरेश कोंडामुडी ने की थी.