सोल : किम जोंग उन और मून जे इन के बीच होने वाले शिखर सम्मेलन की तैयारियों के लिए प्योंगयांग और सोल के शीर्ष अधिकारी असैन्य क्षेत्र में मुलाकात करेंगे. हाल में किम औचक चीन यात्रा पर पहुंचे थे. यह उनकी पहली अंतर्राष्ट्रीय यात्रा थी. असैन्य क्षेत्र दोनों कोरियाई देशों के बीच एक छोटा सा स्थान है जहां किसी देश की सेना मौजूदा नहीं है. किम अगले महीने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे- इन से मिलेंगे.
दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में उत्तर कोरिया की सूचित प्रतिबद्धता का स्वागत किया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होने वाली मुलाकात से पहले उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग उन हाल हमें बीजिंग यात्रा पर पहुंचे थे. उनकी इस यात्रा का उद्देश्य कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में कदम बढ़ाने का वचन देते हुए चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग का समर्थन हासिल करना था.
संरा प्रमुख के प्रवक्ता फरहान हक की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया, ‘महासचिव डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया की परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रतिसूचित प्रतिबद्धता का स्वागत करते हैं.’ इसमें कहा गया,‘महासचिव हाल में हुई सकारात्मक गतिविधियों को गंभीर वार्ता की दिशा में एक लंबी प्रक्रिया के तौर पर देखते हैं जिससे सतत शांति और कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण का मार्ग प्रशस्त होगा.’
उत्तर कोरिया का आधिकारिक नाम डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया है. किम अचानक ही बीजिंग के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे थे. वर्ष 2011 में सत्ता में आने के बाद यह संभवत: उनका पहला विदेश दौरा है. किम और शी के साथ बैठक के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया कि उत्तर कोरिया की सूचित प्रतिबद्धता या दिखाती है कि कोरियाई प्रायद्वीप का परमाणु नि:शस्त्रीकरण संभव है.
उन्होंने लिखा है, कल रात चीन के शी चिनफिंग की ओर से एक संदेश मिला कि किम जोंग उन के साथ उनकी बैठक सफल रही. और किम मुझसे मुलाकात को लेकर उत्साहित हैं.
चीनी नेता से मुलाकात के बाद किम और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मई में भेंट होने की संभावना है. इन देशों के बीच राजनयिक संबंधों में नरमी और सुधार दक्षिण कोरिया में आयोजित शीतकालीन ओलंपिक के बाद आया है. उससे पहले करीब एक साल तक उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु और मिसाइल परीक्षणों के कारण स्थिति काफी तनावपूर्ण थी और किम तथा ट्रंप बेहद कटु वाक युद्ध में उलझे हुए थे.