मॉस्को : रासायनिक हथियारों पर निगरानी रखने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन ने इंग्लैंड में एक पूर्व जासूस और उनकी बेटी को नर्व एजेंट से जहर देने के मामले में ब्रिटेन के साथ संयुक्त जांच में शामिल होने की रूस की अपील खारिज कर दी्. रूस ने कहा कि जितनी संख्या में देश मतदान से दूर रहे वह यह संकेत देता है कि कई देशों को ब्रिटेन के आरोपों को लेकर संदेह है. ब्रिटेन ने आरोप लगाया है कि इस हमले के पीछे रूस का हाथ है.
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ब्रिटेन ने कहा कि संयुक्त जांच के रूस के प्रस्ताव को ऑर्गेनाइजेशन फोर द प्रोहिबिशन ऑफ कैमिकल वेपंस की कार्यकारी परिषद के विशेष सत्र में मात्र छह वोट मिले. परिषद में 41 देशों के प्रतिनिधि हैं. ब्रिटेन सरकार ने नर्व एजेंट का पता लगाने में मदद के लिए ओपीसीडब्ल्यू के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया है.
ब्रिटेन का आरोप है कि चार मार्च को रूस के पूर्व जासूस सर्गेइ स्क्रिपल और उनकी बेटी यूलिया पर जिस नर्व एजेंट से हमला किया गया, वह रूस में बना था. ब्रिटेन के विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने एक बयान में कहा कि द हेग में रूस के बेतुके प्रस्ताव का मकसद स्पष्ट है यह अंतरराष्ट्रीय रासायनिक हथियार निगरानी संगठन के स्वतंत्र और निष्पक्ष काम को कमजोर करना है.
ओपीसीडब्ल्यू में रूस के दूत एलेक्जेंडर शुलगिन ने कहा कि बुधवार को हुए मतदान में 17 देशों के दूर रहने का मतलब है कि कार्यकारी परिषद के आधे से अधिक सदस्यों ने अमेरिका और ब्रिटेन की बात का समर्थन करने से इनकार कर दिया है. अमेरिका तथा ब्रिटेन केदो दर्जन से अधिक सहयोगी देशों ने हमले पर एकजुटता दिखाते हुए रूस के 150 से अधिक राजनयिकों को निष्कासित कर दिये हैं.
रूस ने भी इसका ऐसा ही जवाब दिया था. द हेग में विशेष बैठक में रूस और ब्रिटेन ने एक-दूसरे पर छल और अविश्वास के आरोप लगाये. ब्रिटिश दूत ने कहा कि रूस द्वारा प्रस्तावित संयुक्त जांच एक पीड़ित को संभावित अपराधी बनाना होगा.