पीएम मोदी ने विदेशी सरजमीं से की कर्नाटक चुनाव की राजनीति, लंदन में लिंगायत दार्शनिक को दी श्रद्धांजलि

लंदन/बेंगलुरु : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टेम्स नदी के तट पर स्थित अल्बर्ट एमबैंकमेंट गार्डन्स में 12वीं सदी के लिंगायत दार्शनिक एवं समाज सुधारक बसवेश्वर की आवक्ष प्रतिमा पर बुधवार को पुष्प अर्पित किये. कार्यक्रम का आयोजन द बसवेश्वर फाउंडेशन ने किया था. यह ब्रिटेन का गैर सरकारी संगठन है, उसी ने बसवेश्वर की प्रतिमा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 18, 2018 6:39 PM

लंदन/बेंगलुरु : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टेम्स नदी के तट पर स्थित अल्बर्ट एमबैंकमेंट गार्डन्स में 12वीं सदी के लिंगायत दार्शनिक एवं समाज सुधारक बसवेश्वर की आवक्ष प्रतिमा पर बुधवार को पुष्प अर्पित किये. कार्यक्रम का आयोजन द बसवेश्वर फाउंडेशन ने किया था. यह ब्रिटेन का गैर सरकारी संगठन है, उसी ने बसवेश्वर की प्रतिमा स्थापित की है.

भारतीय दार्शनिक और समाज सुधारक बसवेश्वर द्वारा लोकतांत्रिक विचारों, सामाजिक न्याय और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए उनकी प्रतिमा स्थापित की गयी है. बसवेश्वर (1134-1168) भारतीय दार्शनिक, समाज सुधारक और राजनेता थे जिन्होंने जातिरहित समाज बनाने का प्रयास किया और जाति तथा धार्मिक भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी. भारत बसवेश्वर को लोकतंत्र के अगुआओं में से एक मानता है. भारतीय संसद में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान उनकी प्रतिमा लगायी गयी थी. बसवेश्वर और भारतीय समाज में उनके योगदान के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए भारत ने सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया था.

गौरतलब है कि कर्नाटक में मई में होनेवाले चुनाव में लिंगायत और वीरशैव समुदाय का मतदाताओं के रूप में खासा महत्व है क्योंकि यहां की कुल आबादी में उनकी संख्या 17 फीसदी है. इन समुदायों को भाजपा का परंपरागत मतदाता माना जाता है. मोदी कॉमनवेल्थ हेड्स ऑफ गवर्मेंट बैठक में शामिल होने के लिए ब्रिटेन के चार दिवसीय दौरे पर हैं.

दूसरी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बेंगलुरु में बसवेश्वर की जयंती ( बसवा जयंती ) पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. उनकी यात्रा से पहले लिंगायतों के लिए अलग धर्म की मांग को लेकर यहां बासवेश्वर की प्रतिमा के निकट प्रदर्शन करने के एक समूह के प्रयास को पुलिस ने विफल कर दिया. पुलिस ने कहा कि खुद को लिंगायत समुदाय से बतानेवाले प्रदर्शनकारियों ने अलग धर्म की मांगवाले पोस्टर ले रखे थे और राज्य सचिवालय के निकट कार्यक्रम स्थल की तरफ बढ़ने का प्रयास किया. ये प्रदर्शनकारी लिंगायत समुदाय के लिए अलग धर्म को मान्यता देने की मांग पर शाह का जवाब चाहते थे. एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘हमने ऐहतियाती कदम के तौर पर इन लोगों को हिरासत में ले लिया. ‘कर्नाटक में 12 मई को होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले शाह दो दिनों के बेंगलुरु दौरे पर हैं. भाजपा विधानसभा चुनाव से पहले लिंगायतों और वीरशैवा लिंगायतों को ‘धार्मिक अल्पसंख्यक’ के तौर पर मान्यता देने संबंधी सिद्धरमैया सरकार के कदम की आलोचना कर रही है. उसका कहना है कि यह हिंदू समुदाय को बांटने का प्रयास है.

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