पेरिस : फ्रांस नेशनल असेंबली के विवादास्पद आव्रजन कानून पारित करने से राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों की पार्टी अभूतपूर्व तरीके से दो हिस्सों में बट गयी है. इस पर 61 घंटों तक बहस चली, जिसके बाद रविवार इसे पारित किया गया. इसके पक्ष में 228 और खिलाफ 139 मत पड़े, जबकि 24 अनुपस्थित रहे.
मैक्रों की ‘रिपब्लिक ऑन द मूव’ (एलआरईएम) पार्टी के भारी समर्थन के दम पर यह कानून पारित हुआ. दूसरी ओर, एलआरईएम के डिप्टी जीन – मिशेल क्लेमेंट इससे खफा दिखे और कानून के खिलाफ मत डालने के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ने का ऐलान किया.
दक्षिणपंथी, वामपंथी और घोर दक्षिण पंथी नेशनल फ्रंट के सांसदों ने इसके खिलाफ वोट किया था. फ्रांस संसद के निचले सदन को शुक्रवार को इस पर मत करना था, लेकिन प्रतिनिधियों द्वारा सुझाया 1,000 से अधिक संशोधनों के कारण इस पर सप्ताहांत तक बहस की जायेगी.
गृह मंत्री जेरार्ड कोलोम्ब ने कहा कि इसका लक्ष्य आव्रजन पर ‘बेहतर नियंत्रण’ आश्रय आवेदनों के प्रतीक्षा समय को छह माह करना और ‘आर्थिक’ प्रवासियों के निर्वासन को आसान बनाना है.