नयी दिल्ली : यह वास्तव में गेंदबाजों के बीच की रोचक जंग थी जिससे आज यहां कम स्कोर वाला मैच आखिर ओवर तक रोमांचक बना रहा लेकिन आखिर में किंग्स इलेवन पंजाब ने दिल्ली डेयरडेविल्स को चार रन से हराकर आईपीएल अंकतालिका में फिर से शीर्ष स्थान हासिल किया.
किंग्स इलेवन ने पहले बल्लेबाजी का न्यौता मिलने पर आठ विकेट पर 143 रन बनाये. उसके चार बल्लेबाज करूण नायर (34), डेविड मिलर (26), के एल राहुल (23) और मयंक अग्रवाल (21) ने 20 की रन संख्या पार की लेकिन कोई भी बड़ी पारी नहीं खेल पाया. दिल्ली के सामने हार का क्रम तोड़ने का बेहतरीन मौका था लेकिन उसकी पारी शुरू में लड़खड़ा गयी. श्रेयस अय्यर (45 गेंदों पर 57) अगर आखिरी गेंद पर छक्का जड़ देते तो मैच का परिणाम अलग होता लेकिन वह लांग ऑफ पर कैच दे बैठे.
दिल्ली की टीम इस तरह से आठ विकेट पर 139 रन तक ही पहुंच पायी. दिल्ली की यह पांचवीं हार है जबकि पंजाब की इतने ही मैचों में पांचवीं जीत है और वह दस अंक लेकर अंकतालिका में शीर्ष पर पहुंच गया है. फिरोजशाह कोटला में फिर से गेंदबाजों की तूती बोली. ओल्ड क्लब हाउस बंद होने के बावजूद बड़ी संख्या में दर्शक स्टेडियम में पहुंचे थे.
उन्होंने बल्लेबाजों का जलवा तो नहीं देखा लेकिन वे तेज और स्पिन दोनों तरह की उत्कृष्ट गेंदबाजी के गवाह बने. दिल्ली के तेज गेंदबाजों में लियाम प्लंकेट (17 रन देकर तीन विकेट) और ट्रेंट बोल्ट (21 रन देकर दो विकेट) ने अपनी विविधता तो अंडर-19 विश्व कप में खेल चुके युवा अवेश खान (36 रन देकर दो) ने अपनी तेजी से बल्लेबाजों को परेशान किया.
पंजाब को क्रिस गेल की कमी खली जो चोटिल होने के कारण नहीं खेल पाये. पंजाब के गेंदबाज भी पीछे नहीं रहे. तेज गेंदबाज अंकित राजपूत (23 रन देकर दो विकेट) ने शीर्ष क्रम चरमराया तो एंड्रयू टाई (25 रन देकर दो विकेट) और ऑफ स्पिनर मुजीब उर रहमान (25 रन देकर दो विकेट) ने भी प्रभावित किया.
पृथ्वी शॉ (22) ने पहले दो ओवर में चार चौके लगाकर आईपीएल में आकर्षक शुरूआत की लेकिन अति आत्मविश्वास में वह अंकित राजपूत की गेंद पर चूककर बोल्ड हो गये और फिर दिल्ली की पारी लड़खड़ाने में देर नहीं लगी. ग्लेन मैक्सवेल (12) को पिंच हिटर के रूप में ऊपरी क्रम में भेजा गया. एंड्रयू टाई पर छक्का जड़कर उन्होंने तेवर भी दिखाये लेकिन राजपूत की कटर का वह सही अनुमान नहीं लगा पाये और डीप मिडविकेट पर हवा में लहराता कैच दे बैठे.
कप्तान गौतम गंभीर (13 गेंदों पर चार रन) की खराब फार्म जारी रही जिससे स्कोर तीन विकेट पर 42 रन हो गया. आरसीबी के खिलाफ शतकीय साझेदारी निभाने वाले ऋषभ पंत और अय्यर की जोड़ी अपने घरेलू मैदान पर नहीं चल पायी. अपने कप्तान रविचंद्रन अश्विन से प्रभावित अफगानिस्तान आफ स्पिनर मुजीब उर रहमान की पहली गेंद ही कैरम बॉल थी जिसने पंत (चार) को चकमा देकर बोल्ड कर दिया.
नये बल्लेबाज डेनियल क्रिस्टियन (छह) तेजी से रन चुराने के प्रयास में रन आउट हो गये. अब उम्मीदें अय्यर पर टिकी थी जिन्हें एक बार डीआरएस के सहारे जीवनदान मिला लेकिन वह राहुल तेवतिया (24) थे जिन्होंने बरिंदर सरां पर 17वें ओवर में पहले छक्का और फिर चौका जड़कर दर्शकों में जान भरी लेकिन टाई ने अगले ओवर में उन्हें विकेट के पीछे कैच करा दिया.
दिल्ली को आखिरी ओवर में 17 रन की दरकार थी. अय्यर ने मुजीब पर छक्का लगाया और फिर पांचवीं गेंद चार रन के लिये भेजी लेकिन आखिरी गेंद पर लांग आफ पर कैच दे बैठे. इससे पहले पंजाब के बल्लेबाज भी खुलकर नहीं खेल पाये. पंजाब की टीम 15वें ओवर में तिहरे अंक में पहुंची और इस बीच उसने चार विकेट गंवाये. इसके बाद भी स्थिति नहीं सुधरी और अगले पांच ओवर में भी 43 रन ही बन पाये और इस बीच चार विकेट गिरे. दिल्ली का क्षेत्ररक्षण अच्छा होता तो पंजाब की स्थिति और खराब होती.
गेल की अनुपस्थिति में आरोन फिंच ने पारी का आगाज किया लेकिन अपनी तेजी से प्रभावित करने वाले युवा तेज गेंदबाज अवेश खान ने उन्हें पारी के दूसरे ओवर में ही आसान कैच देने के लिये मजबूर किया. पुल करने में माहिर राहुल और अग्रवाल परिस्थितियों का फायदा नहीं उठा पाये.
राहुल ने प्लंकेट की ऑफकटर पर स्कूप करने के प्रयास में गेंद हवा में लहरा दी जिसे अवेश ने शार्ट फाइन लेग पर खूबसूरती से कैच में बदला. प्लंकेट इसके बाद छोर बदलकर गेंदबाजी के लिये आये और उन्होंने अग्रवाल के विकेटों को थर्रा दिया. युवराज सिंह (17 गेंदों पर 14 रन) शुरू से रन बनाने के लिये जूझते रहे.
वर्तमान सत्र में इससेपहले तीन पारियों में 36 रन बनाने वाले बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने अवेश की रफ्तार वाली गेंद पर पुल करने के प्रयास में विकेट के पीछे कैच दिया. मिलर को भी छह और दस रन के निजी योग पर दो जीवनदान मिले लेकिन नायर ऐसे भाग्यशाली नहीं रहे.
उन्होंने प्लंकेट की गेंद पर लांग ऑन पर कैच थमा दिया. क्रिस्टियन के अगले ओवर में मिलर को भी पवेलियन भेज दिया जिससे पंजाब की डेथ ओवरों में अच्छा स्कोर नहीं बना पाया.