17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

निर्मला सीतारमण ने शी जिनपिंग के करीबी चीनी रक्षा मंत्री को दी सलाह, कहा- विवादों में तब्दील न हों मतभेद

बीजिंग/नयी दिल्ली : रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने डोकलाम गतिरोध के चलते भारत और चीन के संबंधों में आये तनाव के मद्देनजर अपने चीनी समकक्ष वेई फेंघे से कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों में मतभेदों को विवादों में तब्दील नहीं होने दिया जाना चाहिए. निर्मला की टिप्पणी तब आयी, जब उन्होंने वेई से मुलाकत […]

बीजिंग/नयी दिल्ली : रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने डोकलाम गतिरोध के चलते भारत और चीन के संबंधों में आये तनाव के मद्देनजर अपने चीनी समकक्ष वेई फेंघे से कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों में मतभेदों को विवादों में तब्दील नहीं होने दिया जाना चाहिए. निर्मला की टिप्पणी तब आयी, जब उन्होंने वेई से मुलाकत की. इस दौरान दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों की समीक्षा की. डोकलाम गतिरोध के बाद निर्मला की यह पहली चीन यात्रा है.

बैठक के दौरान निर्मला ने रक्षामंत्री नियुक्त होने पर वेई को बधाई दी. वेई को पिछले महीने चीन के रक्षामंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्हें चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग का करीबी माना जाता है. उन्होंने कहा कि रक्षामंत्री बनने के बाद यह मेरी पहली चीन यात्रा है. हम अपनी विदेश नीति में भारत-चीन संबंधों को एक महत्वपूर्ण संबंध के रूप में देखते हैं. निर्मला ने कहा कि हम चीन के साथ अपने संबंधों में वैश्विक अनिश्चितता के दौरान हमारे नेताओं के बीच बनी आम सहमति से निर्देशित हैं. भारत-चीन संबंध स्थिरता का कारक हो सकते हैं और हमें अपने मतभेदों को विवादों में तब्दील नहीं होने देना चाहिए.

वेई ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि यहां उनकी यात्रा को चीन काफी महत्व देता है. निर्मला शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षामंत्रियों की बैठक में शामिल होने चीन पहुंची हैं. वेई ने कहा कि चीन में बैठक में आपकी मौजूदगी हमारे सैन्य संबंधों को और गहरा करेगी तथा एससीओ के सुरक्षा सहयोग विकास को मजबूत करेगी. यह पहली बैठक है, जब पिछले साल एससीओ में शामिल होने के बाद भारत और पाकिस्तान इसमें भाग ले रहे हैं. एससीओ में चीन प्रभावी भूमिका रखता है. इसमें चीन के साथ ही कजाकिस्तान, किरगिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं.

निर्मला ने कहा कि शिखर सम्मेलन के दौरान एससीओ को अफगानिस्तान में आतंकवाद के खतरे के खिलाफ ठोस रवैया अपनाना चाहिए, क्योंकि यह क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए आवश्यक है. उन्होंने यह भी कहा कि इस साल के अंत में रूस में होने जा रहे एससीओ के शांति मिशन संयुक्त सैन्य अभ्यास में भारत शामिल होगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें