चुनाव में मिली हार के बाद पूर्व पीएम नजीब और उनकी पत्नी के मलयेशिया छोड़ने पर रोक

कुआलालंपुर : मलयेशिया के आव्रजन विभाग ने शनिवार को कहा कि विवादों में घिरे पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक और उनकी पत्नी के देश छोड़ने पर रोक लगा दी गयी है. इससे कुछ ही देर पहले नजीब ने अल्पकालिक अवकाश की अपनी योजना की घोषणा की थी. लीक हुए एक उड़ान ब्योरे से पता चलता है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 12, 2018 4:15 PM
कुआलालंपुर : मलयेशिया के आव्रजन विभाग ने शनिवार को कहा कि विवादों में घिरे पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक और उनकी पत्नी के देश छोड़ने पर रोक लगा दी गयी है. इससे कुछ ही देर पहले नजीब ने अल्पकालिक अवकाश की अपनी योजना की घोषणा की थी.
लीक हुए एक उड़ान ब्योरे से पता चलता है कि नजीब और उनकी पत्नी रोस्माह मंसूर शनिवार को एक निजी विमान से जकार्ता रवाना होनेवाले थे. इससे अफवाह उड़ने लगी कि वह 1एमडीबी सरकारी कोष से संबंधित भ्रष्टाचार के बड़े मामले में संभावित मुकदमे से बचने के लिए देश छोड़ रहे हैं. नजीब के गठबंधन को इस सप्ताह करारी चुनावी हार का सामना करना पड़ा और गठबंधन के 60 साल से चले आ रहे शासन का अंत हो गया. उन्होंने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह तत्काल प्रभाव से यूनाइटेड मलयज नेशनल ऑर्गेनाइजेशन और नेशनल फ्रंट कोअलिशन के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहे हैं. नजीब ने कहा कि उनके उप नेता अहमद जाहिद हामिदी यूनाइटेड मलयज नेशनल ऑर्गेनाइजेशन (यूएमएनओ) के अध्यक्ष होंगे. गठबंधन इसी पार्टी के नेतृत्व में है.
उन्होंने इस्तीफे की घोषणा तब की जब पार्टी की ओर से जबर्दस्त मांग उठी कि 64 वर्षीय नेता को इस्तीफा दे देना चाहिए. नजीब ने कहा, ‘हम खुले दिल से जनादेश को स्वीकार करते हैं. यह हमारे लिए हमारी कमजोरी और खामियों को दूर करने का अवसर हो सकता है, यद्यपि यह हकीकत से ज्यादा धारणा का मामला है.’ उन्होंने कहा, ‘ईश्वर की कृपा से यूएमएनओ लगातार रहेगी.’ नजीब ने सोशल मीडिया पर अपने पूर्व के बयान में कहा कि वह ‘सत्ता के सुगम हस्तांतरण’ के प्रति कटिबद्ध हैं. आव्रजन विभाग ने पूर्व में कहा था कि नजीब की यात्रा से संबंधित कोई रोक नहीं है. विभाग ने अब जारी किये गये अपने संक्षिप्त बयान में कहा कि नजीब और रोस्माह के ‘देश छोड़ने पर रोक लगा दी गयी है.’ नजीब ने तुरंत जवाब दिया और कहा कि वह विभाग के फैसले का सम्मान करते हैं और अपने परिवार के साथ देश में ही रहेंगे.
चुनाव परिणामों में हार को लेकर मलय पार्टी की ओर से नजीब के इस्तीफे की उठती जबर्दस्त मांग के बीच छुट्टी मनाने जाने की उनकी योजना सामने आयी. ब्रिटेन से मलयेशिया को आजादी मिलने के बाद से नेशनल फ्रंट सत्ता पर बरकरार रहा है. उसे 1एमडीबी स्कैंडल और रहन-सहन के बढ़ते खर्च को लेकर जनता के गुस्से के चलते इस बार के चुनाव में 222 संसदीय सीटों में से केवल 79 सीट मिलीं. इस करारी हार के चलते उसे महातिर मोहम्मद के नेतृत्ववाले चार दलों के गठबंधन के हाथों सत्ता गंवानी पड़ी. यह महातिर की ऐतिहासिक वापसी है जो 2003 में अपनी सेवानिवृत्ति तक 22 साल तक देश के प्रधानमंत्री रहे. महातिर अब विश्व के सबसे बुजुर्ग निर्वाचित नेता हैं जिनकी उम्र 92 साल है. उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार 1एमबीडी मामले में दुर्भावना से प्रेरित होकर काम नहीं करेगी, लेकिन यदि नजीब दोषी पाये जाते हैं तो उन्हें अदालत का सामना करना पड़ेगा.
नजीब ने संबंधित कोष की शुरुआत 2009 में तब की थी जब उन्होंने सत्ता संभाली थी, लेकिन इसने कर्ज में अरबों जुटाये और इसकी अमेरिका तथा दुनिया के कई अन्य देशों में जांच चल रही है. अमेरिकी जांचकर्ताओं ने कहा कि नजीब के सहयोगियों ने कोष से 4.5 अरब डॉलर की लूट-खसोट की जिनमें से 70 करोड़ डॉलर नजीब के बैंक खाते में गये और तीन करोड़ डॉलर उनकी पत्नी के लिए आभूषण खरीदने में इस्तेमाल किये गये. वहीं, नजीब का कहना है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है. उन्होंने एक अटॉर्नी जनरल और उपप्रधानमंत्री सहित अपनी सरकार में आलोचकों को बर्खास्त कर दिया था और मीडिया की आवाज दबायी थी. नये अटॉर्नी जनरल मोहम्मद अपांदी अली ने 2016 में यह कहते हुए उन्हें क्लीनचिट दे दी थी कि धन सऊदी शाह परिवार से मिला दान था और इसका अधिकांश हिस्सा लौटा दिया गया. महातिर शनिवार को बाद में अपने कैबिनेट सहकर्मियों के नाम घोषित करनेवाले हैं. उन्होंने संकेत दिये हैं कि गड़बड़ी के साक्ष्य छिपाने को लेकर मोहम्मद अपांदी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.

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