चेन्नई की हार के लिए कोच फ्लेमिंग ने बल्लेबाजों को दोषी ठहराया

नयी दिल्ली : चेन्नई सुपरकिंग्स के मुख्य कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने इंडियन प्रीमियर लीग में कल रात यहां दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ 34 रन की हार के लिए बल्लेबाजों को दोषी ठहराया. दिल्ली के 163 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए सुपरकिंग्स की टीम अंबाती रायुडू (50) के अर्धशतक के बावजूद छह विकेट पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 19, 2018 1:50 PM

नयी दिल्ली : चेन्नई सुपरकिंग्स के मुख्य कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने इंडियन प्रीमियर लीग में कल रात यहां दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ 34 रन की हार के लिए बल्लेबाजों को दोषी ठहराया. दिल्ली के 163 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए सुपरकिंग्स की टीम अंबाती रायुडू (50) के अर्धशतक के बावजूद छह विकेट पर 128 रन ही बना सकी. रायुडू के अलावा सिर्फ रविंद्र जडेजा (नाबाद 27) ही सुपरकिंग्स की ओर से 20 रन के आंकड़े को पार कर पाये. डेयरडेविल्स की ओर से अमित मिश्रा (20 रन पर दो विकेट) और संदीप लामिचाने (21 रन पर एक विकेट) की लेग स्पिन जोड़ी ने अपनी फिरकी का जादू दिखाया.

ट्रेंट बोल्ट ने भी 20 रन देकर दो विकेट चटकाए जबकि हर्षल पटेल ने 23 रन देकर एक विकेट हासिल किए. फ्लेमिंग ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने बल्ले से मैच गंवाया. हमने काफी अच्छी गेंदबाजी की. अंतिम ओवर में काफी रन बने लेकिन इसके बावजूद हम 160 (162 रन) के स्कोर से खुश थे. दिल्ली ने पूरी पारी के दौरान काफी अच्छी गेंदबाजी की. धीमे विकेट के कारण हम भी उपयोगी साझेदारियां निभाने में नाकाम रहे.’ उन्होंने कहा, ‘विकेट लगातार धीमा हो रहा था. हमारे बल्लेबाज रन बनाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी. स्पिनरों ने विकेट हासिल करके हमारे ऊपर दबाव बनाया.’ यह पूछने पर कि क्या इतने लंबे टूर्नामेंट के बाद खिलाड़ियों पर थकान का असर दिखने लगा है, फ्लेमिंग ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि खिलाड़ियों पर थकान का असर दिख रहा है. उन्होंने (दिल्ली डेयरडेविल्स ने) काफी अच्छी गेंदबाजी की. (सुरेश) रैना ब्रेक (स्ट्रैटेजिक ब्रेक) के तुरंत बाद आउट हो गया.

उन्होंने कैच पकड़े और हमारे ऊपर दबाव बनाया. जब आप धीमी पिच पर औसत स्कोर का पीछा करते हुए नियमित अंतराल पर विकेट गंवाते हो तो काफी मुश्किल हो जाती है. प्रत्येक विकेट के साथ हम पिछड़ते चले गए और वापसी नहीं कर पाए। हमारा कोई बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल पाया.’ ड्वेन ब्रावो काफी महंगे साबित हुए और उन्होंने चार ओवर में 52 रन लुटाए जिसमें पारी के अंतिम ओवर में 26 रन भी शामिल हैं लेकिन फ्लेमिंग ने अपने इस आलराउंडर का बचाव करते हुए कहा, ‘‘डेथ ओवरों की गेंदबाजी लगभग सभी टीमों की समस्या है. इससे पहले ड्वेन ब्रावो ने कुछ मैचों में हमारे लिए काफी अच्छा प्रदर्शन किया है.

खेल की प्रकृति ही ऐसी है, कभी आपका दिन काफी अच्छा होता है और कभी ख्रराब। ब्रावो ने इस टूर्नामेंट के कुछ मैचों में हमारे लिए शानदार प्रदर्शन किया है. इसके बावजूद मैं अपनी गेंदबाजी से खुश हूं. बस हम बल्लेबाजी में अच्छी पारियां नहीं खेल पाये.’ इससे पहले दिल्ली की टीम एक समय संकट में थी लेकिन विजय शंकर (नाबाद 36) और हर्षल पटेल (नाबाद 36) के बीच 5 . 2 ओवर में छठे विकेट के लिए 65 रन की अटूट साझेदारी की बदौलत पांच विकेट पर 162 रन बनाने में सफल रही. ऋषभ पंत ने भी 38 रन की पारी खेली. सुपरकिंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह ध?नी लगभग आठ ओवर तक क्रीज पर रहे लेकिन 23 गेंद में 17 रन ही बना पाये और दिल्ली के आलराउंडर हर्षल पटेल ने कहा कि भारत के पूर्व कप्तान के खिलाफ उनकी रणनीति सफल रही.

पटेल ने कहा, ‘हम सभी को पता है कि वह क्या कर सकता है. हमें पता है कि उसके मजबूत पक्ष क्या हैं. हमारी योजना साफ थी कि उसके मजबूत पक्षों के हिसाब से गेंदबाजी नहीं करनी. हमने उसे धीमी और बाहर की ओर गेंदबाजी करने की योजना बनाई और इसे काफी अच्छी तरह लागू किया.’ विजय शंकर के साथ अहम साझेदारी पर पटेल ने कहा, ‘पारी के 16वें ओवर में स्ट्रैटेजिक ब्रेक के दौरान हमने सोचा कि अगर हम 140 रन बना लेते हैं तो यह प्रतिस्पर्धी स्कोर रहेगा. हम उन्हें जल्दी आउट करके मैच जीतने की कोशिश कर सकते हैं लेकिन अंतिम तीन ओवर में मैंने और विजय शंकर ने जिस तरह की बल्लेबाजी की वह विशेष थी.’

पटेल ने कहा, ‘इस मैदान पर लक्ष्य का बचाव करना हमेशा मुश्किल होता है. लेकिन अगर आपकी रणनीति अच्छी है और आप इस पर कायम रहते हैं जो सफलता की संभावना बढ़ जाती है. 160 रन निश्चित तौर पर विजयी स्कोर नहीं था. लेकिन हमें पता था कि अगर हम अपनी योजना पर कायम रहते हैं और अच्छा क्षेत्ररक्षण करते हैं तो जीत दर्ज कर सकते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हमने पिछले दो मैचों में काफी तेज और फुल लेंथ की गेंदबाजी करने की गलती की और फैसला किया कि इसे नहीं दोहरायेंगे. इस पिच पर लक्ष्य का पीछा करना आसान रहता है और आंकड़े भी यही कहते हैं. टास हारना मुश्किल था लेकिन आप इसमें कुछ नहीं कर सकते.’

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