वार्ता पर असमंजस की स्थिति के बावजूद परमाणु स्थल ढहाने की तैयारी में उत्तर कोरिया
सोल : उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु परीक्षण स्थल को ढहाने की प्रक्रिया की रिपोर्टिंग करने के लिए विदेशी पत्रकारों को आमंत्रित किया है. उत्तर कोरिया के इस संकेत को अमेरिका-उत्तर कोरिया की प्रस्तावित शिखर वार्ता के लिहाज से हाई प्रोफाइल माना जा रहा है. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि हो […]
सोल : उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु परीक्षण स्थल को ढहाने की प्रक्रिया की रिपोर्टिंग करने के लिए विदेशी पत्रकारों को आमंत्रित किया है. उत्तर कोरिया के इस संकेत को अमेरिका-उत्तर कोरिया की प्रस्तावित शिखर वार्ता के लिहाज से हाई प्रोफाइल माना जा रहा है. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि हो सकता है यह वार्ता अब न हो.
उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में अचानक घोषणा की थी कि वह पूर्वोत्तर में स्थित अपने पुंग्ये-री परमाणु परीक्षण स्थल को पूरी तरह ढहाने की योजना बना रहा है. अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने उसके इस कदम की सराहना की थी. उत्तर कोरिया ने पुंग्ये-री से ही सभी छह परमाणु परीक्षणों को अंजाम दिया था. इसमें पिछले साल सितंबर में हुआ सबसे शक्तिशाली परीक्षण भी शामिल था जिसे इसने हाइड्रोजन बम बताया था. उत्तर कोरिया के पुंग्ये-री परमाणु परीक्षण स्थल को ढहाने की प्रक्रिया बुधवार से शुक्रवार के बीच हो सकती है. इस प्रक्रिया को मौसम के अनुकूल होने पर अंजाम दिया जायेगा. उत्तर कोरिया ने इस परीक्षण स्थल को ढहाने की बात 12 जून को किम जोंग उन और ट्रंप के बीच होनेवाली प्रस्तावित शिखर वार्ता से पहले मित्रभाव का एक संकेत प्रदर्शित करने के लिए कही है. लेकिन, दोनों ही पक्षों द्वारा इस ऐतिहासिक मुलाकात के साकार होने को लेकर शंका जतायी जा रही है.
ट्रंप द्वारा एकपक्षीय परमाणु निरस्त्रीकरण का दबाव बनाने की स्थिति में उत्तर कोरिया ने पिछले हफ्ते इससे पीछे हटने की धमकी दी थी. मंगलवार को वाशिंगटन में मून जेई इन से मिलने के बाद ट्रंप ने भी मुलाकात में देरी हो सकने की बात कही थी. विशेषज्ञ इस बात पर बंटे हुए हैं कि इस स्थल को नष्ट करने के बाद इसकी कोई उपयोगिता रह जायेगी या नहीं. इस संबंध में संदेह जाहिर करनेवाले विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थान छह सफल परमाणु परीक्षणों के साथ ही अपनी उपयोगिता से ज्यादा समय तक टिका रहा है और जरूरत पड़ने पर इसे तुरंत फिर से उपयोगी बनाया जा सकता है.
अंतरराष्ट्रीय मिजाज में आये बदलावों के चलते उत्तर कोरिया इस तरह के संकेतों को पहले कई बार पलट चुका है. असन इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिटी स्टडीज के एक विश्लेष्क गो म्यूोंग ह्यून का कहना है कि दोनों पक्ष वार्ता में अपनी बात ऊपर रखने के लिए खेल खेल रहे हैं. उनका कहना है कि वार्ता नहीं होने की सूरत में भी परीक्षण स्थल को ढहाये जाने के कारण अंतरराष्ट्रीय सहानुभूति उत्तर कोरिया को मिलेगी.