वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग – उन के साथ 12 जून को सिंगापुर में होने वाली शिखर वार्ता रद्द करने के लिए, व्हाइट हाउस ने उत्तर कोरिया की लगातार वादाखिलाफी और सिंगापुर में बैठक की तैयारियों के लिए अमेरिकी दल को इंतजार कराने के उसके रवैये को जिम्मेदार ठहराया है.
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर कोरिया के इस रवैये के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति के पास बैठक रद्द करने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह गया था. उन्होंने बताया कि दक्षिण कोरियाई प्रतिनिधिमंडल ने आठ मार्च को व्हाइट हाउस पहुंच किम जोंग उन (उत्तर कोरियाई नेता) का अमेरिका से वार्ता करने का संदेश ट्रंप को पहुंचाया था.
अधिकारी ने कहा कि किम द्वारा दिए संदेश में कहा गया था की वह (किम) परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने आगे कोई अन्य परमाणु या मिसाइल परीक्षण करने से बचने का संकल्प भी लिया था. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि वह समझते हैं कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच नियमित साझा सैन्य अभ्यास जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि उत्तर कोरियाई नेता जितनी जल्दी हो सके ट्रंप से मुलाकात करने की इच्छा जाहिर की थी.
सिंगापुर में 12 जून को होने वाली शिखर वार्ता को रद्द करने के ट्रंप की घोषणा के कुछ घंटे बाद अधिकारी ने पत्रकारों से कहा , ‘‘ इन सबको ध्यान में रखते हुए , ट्रंप ने किम जोंग – उन से मुलाकात का आमंत्रण स्वीकार किया था.” उन्होंने बताया कि ट्रंप के न्यौता स्वीकार करने के बाद ही अमेरिका ने बैठक के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए और यह सब अच्छी मंशा के साथ किया गया. उन्होंने कहा , ‘‘ लेकिन उनकी ओर से लगातार हो रहे वादाखिलाफी के कारण अमेरिका को रुकना पड़ा. पिछले सप्ताह , उत्तर कोरिया ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच होने वाले नियमित सैन्य अभ्यास पर उंगली उठाई। उन्होंने हमारे अभ्यासों को उकसावे की कार्रवाई करार दिया और दक्षिण कोरिया के साथ बैठक भी रद्द कर दी.”
अधिकारी ने उत्तर कोरिया के बदलते रुख के लिए चीन को भी जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात के बाद ही उनके रवैये में बदलाव आया है. अधिकारी ने कहा, ‘‘ हम बस अंदाजा ही लगा सकते हैं कि क्या चर्चा हुई या क्या हुई होगी, लेकिन उनके बदलते रवैये से राष्ट्रपति अनभिज्ञ नहीं रहे.”