लंदन: आयरलैंड में हुए एक जनमत संग्रह में 66.4 फीसदी लोगों ने गर्भपात पर प्रतिबंध हटानेका समर्थन किया. बीबीसी की खबर के मुताबिक, महिला की जान को खतरा होने की स्थिति में ही अभी गर्भपात की इजाजत है और बलात्कार के मामलों में यह नहीं है. भारतीय मूल के प्रधानमंत्री लियो वरदकर ने जनमत संग्रह के नतीजों की घोषणा की.
इस संबंध में आयी पहली आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, गर्भपात के खिलाफ कियेगये संशोधन को निरस्त करने की मांग को 66 प्रतिशत लोगों का समर्थन हासिल हुआ है. वरदकर ने कहा, ‘लोगों ने अपनी राय जाहिर कर दी. उन्होंने कहा है कि एक आधुनिक देश के लिए एक आधुनिक संविधान की जरूरत है.’
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उन्होंने कहा कि आयरलैंड के मतदाता महिलाओं के सही निर्णय लेने और अपने स्वास्थ्य के संबंध में सही फैसला करने के लिए उनका सम्मान और उन पर यकीन करते हैं. गौरतलब है कि आयरलैंड में भारतीय दंत चिकित्सक सविता हलप्पनवार को वर्ष 2012 में गर्भपात की इजाजत नहीं मिलने पर एक अस्पताल में उनकी मौत हो गयी थी.
सविता की मौत ने देश में गर्भपात पर चर्चा छेड़ दी. सविता के पिता आनंदप्पा यालगी ने कर्नाटक स्थित अपने घर से कहा कि उन्हें आशा है कि आयरलैंड के लोग उनकी बेटी को याद रखेंगे.