कौन हैं फ़ैशन मैगज़ीन के कवर पर दिखने वाली सऊदी राजकुमारी
<p>मशहूर फ़ैशन मैगज़ीन ‘वोग’ के कवर पेज पर सऊदी अरब की राजकुमारी हैफ़ा बिन्त अब्दुल्ला अल सऊद की तस्वीर छापी गई है. </p><p>यूएई में छपने वाली अमरीकी मैगज़ीन के अरब संस्करण के पहले पन्ने पर पहली बार किसी सऊदी राजकुमारी की तस्वीर छपी है. ऐसा बेहद कम होता है कि सऊदी शाही परिवार की राजकुमारियां […]
<p>मशहूर फ़ैशन मैगज़ीन ‘वोग’ के कवर पेज पर सऊदी अरब की राजकुमारी हैफ़ा बिन्त अब्दुल्ला अल सऊद की तस्वीर छापी गई है. </p><p>यूएई में छपने वाली अमरीकी मैगज़ीन के अरब संस्करण के पहले पन्ने पर पहली बार किसी सऊदी राजकुमारी की तस्वीर छपी है. ऐसा बेहद कम होता है कि सऊदी शाही परिवार की राजकुमारियां या महिलाएं इस तरह चर्चा में आएं.</p><p>सऊदी शाही परिवार ख़ुद को मीडिया और चमक-दमक से दूर रखते हैं.</p><p>मैगज़ीन के कवर पर छपी तस्वीर में राजकुमारी हैफ़ा सफ़ेद लबादे में, ऊंची एड़ी की सैंडल पहने एक कनवर्टेबल कार में बैठी नज़र आ रही हैं और उनका चेहरा खुला हुआ है. </p><p><a href="https://twitter.com/VogueArabia/status/1002189138030931968">https://twitter.com/VogueArabia/status/1002189138030931968</a></p><h1>’बदलावों का समर्थन'</h1><p>इस मैगज़ीन का यह संस्करण सऊदी अरब की महिलाओं को समर्पित किया गया है और इसमें क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विभिन्न सुधारों को सराहा गया है. </p><p>शहज़ादी हैफ़ा शाह अब्दुल्ला की बेटी हैं. शाह अब्दुल्ला सऊदी के पूर्व राजा हैं जिन्होंने औरतों के गाड़ी चलाने पर पाबंदी लगाई थी. </p><p>मैगज़ीन को दिए इंटरव्यू में शहज़ादी ने कहा है, "हमारे देश में कुछ रूढ़िवादी लोग हैं जिन्हें बदलाव से डर लगता है. बहुतों के लिए वही सब कुछ है जो उन्हें मालूम है."</p><p>उन्होंने कहा है, "व्यक्तिगत रूप से मैं इन बदलावों का मज़बूती से समर्थन करती हूं."</p><p><a href="https://twitter.com/VogueArabia/status/1001721674650259456">https://twitter.com/VogueArabia/status/1001721674650259456</a></p><p>मैगज़ीन के प्रमुख संपादक ने बताया है कि राजकुमारी एक कलाकार हैं और उनके तीन बच्चे हैं. हैफ़ा किंग अब्दुल्ला की तीस से अधिक संतानों में से एक हैं. किंग अब्दुल्ला का 2015 में देहांत हो गया था. कहा जाता है कि उनके कम से कम 15 बेटे और 20 बेटियां थीं. राजकुमारी हैफा ने एकेडमी ऑफ सैन फ्रांसिस्को आर्ट स्कूल से ग्रेजुएशन किया है.</p><h1>लेख की आलोचना</h1><p>हालांकि कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने पत्रिका में छपे इस लेख की आलोचना की है. यही कार्यकर्ता इसी महीने गिरफ़्तार किए गए 11 कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी का विरोध कर रहे थे. उनका कहना है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में ही कई ऐसी महिलाएं थीं जो महिलाओं के गाड़ी चलाने के अधिकार की हिमायती थीं.</p><p>इन कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस लेख में राजकुमारी को सऊदी अरब में आए बदलाव का प्रतीक बना दिया गया है जबकि महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने वाले सबसे प्रमुख लोगों का ज़िक्र तक नहीं किया गया. उनका कहना है कि इसमें ऐसी महिलाएं भी शामिल हैं जिन्हें सऊदी प्रशासन ने महिलाओं को ड्राइविंग का अधिकार मिलने के बाद भी जेल में रखा हुआ है.</p><p><a href="https://twitter.com/sassy1989sara/status/1002216374020792320">https://twitter.com/sassy1989sara/status/1002216374020792320</a></p><p>इसके बाद सोशल मीडिया पर कार्यकर्ताओं ने फोटो एडिटिंग सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से इस तस्वीर में राजकुमारी की जगह उन महिला कार्यकर्ताओं के चेहरे लगा दिए, जो जेल में बंद हैं.</p><p>वहीं, वोग पत्रिका के अरब संस्करण ने सऊदी अरब में बदलावों को दर्शाने के लिए राजकुमारी की तस्वीर के इस्तेमाल का बचाव किया है. पत्रिका का कहना है कि राजकुमारी हैफ़ा का इस्तेमाल करके उनके संदेश को बड़ा करने में मदद मिली है.</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>:</strong></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-43938051">’कम कपड़ों में’ दिखीं महिला रेसलर, सऊदी अरब में मचा हंगामा</a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-44225368">सऊदी अरब में महिलाओं पर ‘विदेशी ताक़तों’ से संबंध का आरोप</a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-43792799">फ़िल्मों के लिए क्यों खुल रहा है अब सऊदी अरब</a></p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong> और </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>