फोन से दूर रहने के लिए यात्रियों को कॉमिक्स

एक बच्चे से हुए प्रेरित अपनी टैक्सी की छत पर घास उगानेवाले पर्यावरण प्रेमी धनंजय चक्रवर्ती कोलकाता में टैक्सी चलाते हैं. उन्होंने पांच साल पहले अपनी टैक्सी की छत पर घास लगा दी थी, ताकि लोग पर्यावरण बचाने के लिए सचेत हों. अब उन्होंने अपने टैक्सी में बैठनेवाले लोगों को कॉमिक्स बांटना शुरू किया है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2018 3:38 AM

एक बच्चे से हुए प्रेरित

अपनी टैक्सी की छत पर घास उगानेवाले पर्यावरण प्रेमी धनंजय चक्रवर्ती कोलकाता में टैक्सी चलाते हैं. उन्होंने पांच साल पहले अपनी टैक्सी की छत पर घास लगा दी थी, ताकि लोग पर्यावरण बचाने के लिए सचेत हों. अब उन्होंने अपने टैक्सी में बैठनेवाले लोगों को कॉमिक्स बांटना शुरू किया है. उनका मानना है कि आज के दौर में बच्चे किताबों से दूर होते जा रहे हैं. लोगों को किताबों से जोड़ने के लिए धनंजय ने यह पहल की है.

वह बताते हैं कि एक बार उन्होंने टैक्सी में सवार बच्चे से फेमस काटून कैरेक्टर के बारे में पूछा, इस पर बच्चे ने स्मार्टफोन में आंख गड़ाते हुए जवाब दिया कि वह इसके बारे में नहीं जानता. इसके बाद उन्होंने अपने टैक्सी में सवार होने वालों को कॉमिक्स देना शुरू किया. उन्होंने अपनी कार के डैशबोर्ड को बुकशेल्फ में बदल दिया है. उनके मुताबिक, आप उनकी टैक्सी में चाहे पांच किलोमीटर की यात्रा करें या 15 किलोमीटर की, वह सभी को कॉमिक्स पढ़ने को देते हैं. अगर ये कॉमिक्स किसी सवारी को पसंद आ गयी, तो वह काफी कम दाम पर कॉमिक्स खरीद भी सकता है.
पर्यावरण बचाने का देते हैं संदेश
हाल ही में उन्होंने एक नयी टैक्सी खरीदी है. खास बात है कि इस पर कोलकाता के मशहूर आइकन के चित्र बने हैं. इसके साथ ही टैक्सी पर पर्यावरण को बचाने का संदेश भी लिखा है. उनकी टैक्सी में पहली बार यात्रा करने वाले यात्री हैरान रह जाते हैं. धनंजय बच्चों को यहां बंगाली कॉमिक्स भी पढ़ने को देते हैं. अभी हाल ही में प्रतिष्ठित पत्रकार रवीश कुमार ने उनकी टैक्सी पर सफर किया. उन्होंने सोशल मीडिया पर धनंजय के बारे में लिखा कि इस दुनिया में जहां हर कोई एक जैसा हो जाना चाहता है,
धनंजय चक्रवर्ती का फितूर उन्हें काफी अलग बना गया है. चार-पांच साल से अपनी इस प्राइवेट एंबेसडर को चला रहे हैं. कोलकाता के नामी-गिरामी कार्टूनिस्टों ने उनकी टैक्सी पर कार्टून बनाये हैं. इसे कार्टूनकार का नाम दिया गया है. सफेद रंग की यह टैक्सी पूरे हिंदुस्तान में इकलौती कार होगी, जो हरियाली को अपने सर पर लिए घूम रही है. कार के ऊपर घास की खेती चल रही है, कार के भीतर पीछे की सीट के ऊपर छोटे छोटे गमले रखे हैं.

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