यूक्रेन घटनाक्रम में प्रगति के बगैर रूस की जी7 में नहीं होगी वापसी : एंजेला मर्केल

ला मालबयी (कनाडा): जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा है कि रूस को जी7 में तब तक दोबारा शामिल नहीं किया जा सकता जब तक यूक्रेन की स्थिति में कोई सुधार नहीं होता. मर्केल ने कनाडा में हो रहे जी7 शिखर सम्मेलन से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हम इस समझौते पर हैं कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 9, 2018 3:35 PM

ला मालबयी (कनाडा): जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा है कि रूस को जी7 में तब तक दोबारा शामिल नहीं किया जा सकता जब तक यूक्रेन की स्थिति में कोई सुधार नहीं होता. मर्केल ने कनाडा में हो रहे जी7 शिखर सम्मेलन से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हम इस समझौते पर हैं कि रूस की वापसी जी7 में तब तक नहीं हो सकती है जब तक यूक्रेन से संबंधित समस्याओं के घटनाक्रम में ठोस प्रगति नहीं होती है.’

जर्मनी की चांसलर इटली, ब्रिटेन और फ्रांस के नेताओं के साथ हुई बैठक के बाद बात कर रही थीं. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने जी7 शिखर सम्मेलन के लिए कनाडा जाने से पहले 2014 से पूर्व के ‘‘जी8′ फॉर्मूले पर फिर से लौटने की अपील की. अमेरिकी राष्ट्रपति ने एयरफोर्स वन विमान में सवार होने से पहले कहा, ‘‘उन्होंने रूस को बाहर कर दिया. उन्हें रूस को वापस आने देना चाहिए क्योंकि बातचीत के लिए रूस को भी मौजूद होना चाहिए.’ गौरतलब है कि वर्ष 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया क्षेत्र पर कब्जा करने के कारण रूस को अमीर देशों के इस समूह से बाहर कर दिया गया था.

ट्रंप के साथ बातचीत ‘रचनात्मक’ हो सकती है : पुतिन

मॉस्को : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि उनके अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत ‘‘ रचनात्मक ‘ हो सकती है. रूस को जी7 देशों के समूह में फिर से शामिल करने के ट्रंप के बयान के बाद पुतिन की यह टिप्पणी आयी है. पुतिन ने रूस के टेलीविजन चैनल पर एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘ट्रंप गंभीर व्यक्ति हैं जो जानते हैं कि कैसे लोगों को सुना जाए और उनके तर्कों का जवाब दिया जाए.’

उन्होंने कहा, ‘‘ इससे मुझे भरोसा हुआ है कि बातचीत रचनात्मक साबित हो सकती है.’ ट्रंप ने जी7 शिखर सम्मेलन के लिए कनाडा जाने से पहले 2014 से पूर्व के ‘‘जी 8′ फॉर्मूले पर फिर से लौटने की अपील की. अमेरिकी राष्ट्रपति ने एयरफोर्स वन विमान में सवार होने से पहले कहा, ‘‘ उन्होंने रूस को बाहर कर दिया. उन्हें रूस को वापस आने देना चाहिए क्योंकि बातचीत के लिए रूस को भी मौजूद होना चाहिए.’ गौरतलब है कि वर्ष 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया क्षेत्र पर कब्जा करने के कारण रूस को अमीर देशों के इस समूह से बाहर कर दिया गया था.

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