सिनेमा में स्पेन की ग्रामीण संस्कृति

फिल्म ‘एवरीबॉडी नोज’ के बाद असगर फरहादी दुनिया के बड़े फिल्मकारों में शुमार हो गये हैं. ईरान से बाहर यह उनकी पहली बड़ी फिल्म है, जो स्पेनिश में है. वह दुनिया के चौथे फिल्मकार बन गये हैं, जिन्हें दो बार विदेशी भाषा की बेस्ट फिल्म की श्रेणी में ऑस्कर मिला है. पेरिस में बसे ईरानी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2018 5:24 AM

फिल्म ‘एवरीबॉडी नोज’ के बाद असगर फरहादी दुनिया के बड़े फिल्मकारों में शुमार हो गये हैं. ईरान से बाहर यह उनकी पहली बड़ी फिल्म है, जो स्पेनिश में है. वह दुनिया के चौथे फिल्मकार बन गये हैं, जिन्हें दो बार विदेशी भाषा की बेस्ट फिल्म की श्रेणी में ऑस्कर मिला है.

पेरिस में बसे ईरानी फिल्मकार असगर फरहादी की स्पेनिश फिल्म ‘एवरीबॉडी नोज’ आर्ट हाउस सिनेमा का एक चमकदार पैकेज है, जिसमें जेवियर बार्देम और पेनेलोप क्रूज जैसे स्पेन के दो सुपर स्टार कलाकारों ने काम किया है.
इससे पहले वे पेरिस में फ्रेंच अभिनेत्री बेरेनिस बेजो को लेकर ‘द पास्ट’ बना चुके हैं. इस फिल्म में भी उनकी पिछली फिल्मों की भरपूर छवियां हैं, जहां अचानक किसी के गायब होने से लोगों के व्यवहार बदलने लगते हैं और पति-पत्नी के पुराने विवाहेत्तर संबंधों की परतें खुलने लगती हैं. प्रतियोगिता खंड की इस फिल्म के प्रदर्शन से 71वें कान फिल्म समारोह की शुरुआत हुई थी.
लौरा (पेनेलोप क्रूज) ब्यूनस आयर्स (अर्जेंटीना) से अपनी बेटी ईरेना और छोटे बेटे डिएगो के साथ अपनी छोटी बहन अना की शादी में स्पेन के अपने पैतृक गांव आती हैं. स्पेन का यह इलाका वाइनयार्ड है, जहां अंगूर की खेती होती है और शराब का उत्पादन होता है. उसका पति अलेक्जांद्रो (रिकार्डो डेरिन) उसके साथ नहीं आ पाता. शादी की पार्टी की रात अचानक बिजली चली जाती है, तो लौरा की बेटी ईरेना का फिरौती के लिए अपहरण हो जाता है. ईरेना लौरा के पूर्व प्रेमी पाको (जेवियर बार्देम) से जन्मी है और परिवार के ही किसी ने पैसे और जमीन की लालच में अपहरण कराया है. पाको एक किसान है, जिसका अपना वाइनयार्ड है, जिसे बेचकर ईरेना को मुक्त कराता है. पता चलता है कि लौरा की बड़ी बहन की बेटी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपहरण कराया है.
असगर फरहादी ने इस छोटी सी कहानी में स्पेन के कंट्री साइड कल्चर (ग्रामीण संस्कृति) की बेमिसाल झलक पेश की है. बीस मिनट तक शादी की रात में सामूहिक नृत्य का विलक्षण फिल्मांकन है. उन्होंने हुसैन जाफरान और महमूद कलारी जैसे अपने पुराने छायाकारों की बजाय पेद्रो अलमोदोवार के प्रिय सिनेमैटोग्राफर जोश लुई अलकेन को चुना है, जिनका कैमरा घरेलू गतिविधियों से लेकर सड़क, जंगल, गली-नुक्कड़, अंगूर के खेतों तथा पुराने विशाल चर्च को रहस्यमय चमक के साथ दिखाता है. फिल्म देखते हुए हम एक भरे पूरे स्पेनिश गांव और बड़े संयुक्त परिवार, खेत और जंगल की गतिविधियों को महसूस करते हैं.
पेनेलोप क्रूज स्पेन की सबसे बड़ी सुपर स्टार हैं और उन्हें जवान होती बेटी की मां के रूप में देखना थोड़ा अखर सकता है. जेवियर बार्देम को कान में बेस्ट एक्टर का पुरस्कार (ब्यूटीफुल, 2010) मिल चुका है. यूरोप में उनकी बड़ी लोकप्रियता है. बड़ी बात है फिल्म के सैकड़ों चरित्रों के बीच तालमेल. असगर फरहादी ने स्पेन में जरूर फिल्म बनायी है, पर फाॅर्मूला ईरानी सिनेमा का ही है- नो सेक्स नो वायलेंस एंड हैप्पी एंडिंग.
इस फिल्म के बाद असगर फरहादी दुनिया के बड़े फिल्मकारों में शुमार हो गये हैं. ईरान से बाहर यह उनकी पहली बड़ी फिल्म है, जैसे उनके गुरु अब्बास किरोस्तामी ने इटली में ‘सर्टीफायड कॉपी’ (2010), बनायी थी. वे दुनिया के चौथे फिल्मकार बन गये हैं, जिन्हें दो बार विदेशी भाषा की बेस्ट फिल्म की श्रेणी में ऑस्कर मिला है (अ सेपरेशन, 2012 और ‘द सेल्समैन, 2017). असगर फरहादी को जब ‘टाइम’ पत्रिका ने संसार के सौ सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल किया था (2010), तो किसी को आश्चर्य नहीं हुआ था. उम्मीद की जा रही है कि अब वे जल्दी ही अपनी अगली फिल्म की घोषणा करेंगे जो अंग्रेजी में होगी, जिससे वे दुनियाभर के फिल्म प्रेमियों तक सीधे पहुंच सकें.
अजित राय
संपादक, रंग प्रसंग, एनएसडी

Next Article

Exit mobile version