चिंगदाओ : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को कहा कि जैसे ही अमेरिका उनके साथ शिखर बैठक के लिए तैयार होता है उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करने में खुशी होगी. पुतिन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हथियारों की नयी दौड़ के प्रति ट्रंप की चिंता से वह सहमत हैं और इस मुद्दे के समाधान के लिए व्यापक वार्ता की जरूरत है. पुतिन ने ग्रुप सात के देशों की आलोचना को ‘रचनात्मक गप-शप’ करार देकर खारिज कर दिया और कहा कि यह फिर से सहयोग शुरू करने का वक्त है.
पुतिन ने कहा कि आॅस्ट्रिया समेत कुछ देशों ने ट्रंप के साथ उनकी भेंटवार्ता की मेजबानी की पेशकश की है. पुतिन का बयान इन खबरों के बीच आया है कि व्हाइट हाउस के अधिकारी दोनों नेताओं की मुलाकात की दिशा में काम कर रहे हैं. ट्रंप ने कहा है कि वह पुतिन के साथ भेंटवार्ता के लिए तैयार हैं. अमेरिका के खुफिया अधिकारियों का कहना है कि पुतिन ने ही ट्रंप को जिताने में मदद करने के लिए अमेरिका के 2016 के चुनाव में दखल दिया था. ट्रंप बार-बार कह चुके हैं कि वह रूस के साथ संबंध सुधारना चाहते हैं.
रविवारको पुतिन ने यहां शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन में अपने संबोधन में ईरान के परमाणु करार से अमेरिका के हटने की आलोचना की. पुतिन शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन में शिरकत करने यहां आये हुए हैं. इस संगठन में चीन, पूर्व सोवियत संघ के चार देश, भारत और पाकिस्तान हैं.
पुतिन ने ग्रुप सात के देशों की आलोचना को ‘रचनात्मक गप-शप’ करार देकर खारिज कर दिया और कहा कि यह फिर से सहयोग शुरू करने का वक्त है. जब पुतिन से जी 7 के संयुक्त बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि रचनात्मक गप-शप बंद करने और असल सहयोग से जुड़े ठोस मुद्दों की ओर बढ़ने की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि जी 7 के देश एक बार फिर यह सबूत देने में विफल रहे कि मार्च में ब्रिटेन में एक पूर्व दोहरे एजेंट और उसकी बेटी को जहर देने के पीछे रूस का हाथ था. जी 7 के नेताओं ने शनिवार को मांग की थी कि रूस लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश बंद करे और सीरिया शासन का समर्थन करे.
जी 7 रूस के पुन: प्रवेश के लिए अपना दरवाजा भी बंद कर चुका है. जी 7 ने ब्रिटेन के इस आरोप पर भी मुहर लगा दी कि इंग्लैंड के दक्षिण-पश्चिम में पूर्व दोहरे एजेंट सर्गेई स्र्कीपाल और उसकी बेटी यूलिया की जहरखुरानी के पीछे रूस का हाथ है. पुतिन ने कहा कि जी 7 से हटने का फैसला रूस का नहीं था, उन्हें तो रूस में जी 7 के नेताओं को देखकर खुशी होगी.