लक्ष्मी की मौत के 13 दिन बाद खुली स्वास्थ्य विभाग की नींद
खगड़िया/गोगरी : फर्जी क्लिनिक में गलत इलाज के कारण लक्ष्मी की मौत के 13 दिन बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद सोमवार को खुली. गोगरी रेफरल अस्पताल प्रभारी डॉ चंद्र प्रकाश के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के लिए लक्ष्मी मेडिकल हॉल पहुंची लेकिन ताला बंद देख कर वहां से बैरंग लौट आयी. पूछने […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
June 12, 2018 3:00 AM
खगड़िया/गोगरी : फर्जी क्लिनिक में गलत इलाज के कारण लक्ष्मी की मौत के 13 दिन बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद सोमवार को खुली. गोगरी रेफरल अस्पताल प्रभारी डॉ चंद्र प्रकाश के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के लिए लक्ष्मी मेडिकल हॉल पहुंची लेकिन ताला बंद देख कर वहां से बैरंग लौट आयी.
पूछने पर डॉ चंद्रप्रकाश ने कहा कि सीएस के आदेश पर जांच के लिए आये थे लेकिन ताला बंद रहने के कारण जांच नहीं हो पायी. घटना के दो सप्ताह के बाद आने का कारण पूछने पर उन्होंने कहा कि सीएस के निर्देश मिलने का इंतजार था. जब उनसे पूछा गया कि आखिर फर्जी क्लिनिक में मौत के बाद ही स्वास्थ्य विभाग की टीम क्यों जागती है? क्या ऐसे फर्जी नर्सिंग होम में घटना से पहले ही जांच कर आवश्यक कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है? वर्षों से लक्ष्मी मेडिकल हॉल नामक दवा दुकान की आड़ में संचालित इस फर्जी क्लिनिक के बारे में सब कुछ जानते हुए भी स्वास्थ्य विभाग क्यों सोयी रही?
ऐसे कई सवालों का जवाब देने से स्वास्थ्य विभाग की टीम कन्नी काटती नजर आयी. टीम का नेतृत्व कर रहे डॉ चंद्र प्रकाश ने कहा कि सीएस जिस क्लिनिक के जांच का आदेश देंगे उसी की जांच हमलोग कर सकते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर और कितनी मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग जिले में संचालित सभी फर्जी क्लिनिकों की जांच के लिये जागेगी या फिर घटना के बाद खानापूर्ति के लिये कागजी खेल यूं ही चलता रहेगा. इधर, लक्ष्मी मेडिकल हॉल में एक युवती के गलत अपेंडिक्स के ऑपरेशन के कारण 29 मई को हुई मौत बाद गोगरी थाना पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिये छापेमारी कर रही है. लक्ष्मी मेडिकल हॉल के संचालक सुनील कुमार नेवटिया, डॉ राजीव चौधरी सहित अन्य आरोपित फरार हैं.
एसडीओ के आदेश के बाद भी नहीं हुआ सील
लक्ष्मी मेडिकल हॉल में मानसी खिरनियां निवासी अमोद ठाकुर की पुत्री लक्ष्मी कुमारी की मौत के बाद गोगरी पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने के बाद तुरंत की इस फर्जी नर्सिंग होम को सील करने के लिये 31 मई को प्रस्ताव भेज दिया था. इसके बाद गोगरी एसडीओ सुभाष चंद्र मंडल ने विगत 4 जून को ही पत्रांक 563, 4 जून 2018 को ही गोगरी थानाध्यक्ष अनिल कुमार यादवेंदु और सीओ चंदन कुमार को सील करने का आदेश दे चुके हैं.
इस आदेश को जारी हुए आठ दिन बीत गये लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण इस फर्जी क्लिनिक को सील करने की फुरसत नहीं मिली है. इतना ही नहीं सील करने के प्रस्ताव में भी पेंच फंसा दिया गया है. कारण लक्ष्मी मेडिकल हॉल संचालित करने वाले सुनील कुमार नेवटिया ही अपनी दुकान के पीछे झोपड़ीनुमा घर में क्लिनिक संचालित कर मरीजों का दोहन करते हैं. लेकिन पुलिस ने सिर्फ दिशा नेत्रालय को सील करने का प्रस्ताव भेजा है जो अपने आप में अनूठा है. ऐसे में सवाल उठता है कि लक्ष्मी मेडिकल हॉल संचालक सुनील कुमार नेवटिया पर मेहरबानी के पीछे क्या राज है?
बोले चिकित्सा पदाधिकारी
रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ चंद्रप्रकाश ने बताया कि सोमवार को जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम लक्ष्मी मेडिकल हॉल पहुंची थी. लेकिन वहां ताला बंद था. जिसकी वजह से बिना जांच के ही वापस लौटना पड़ा.
डिग्री कंपाउंडर की भी नहीं, करता था ऑपरेशन
गोगरी में पटना के किसी व्यक्ति के नाम से लाइसेंस लेकर फर्जी ढंग से संचालित दवा दुकान की आड़ में अवैध नर्सिंग होम संचालित करने का मास्टमाइंड सुनील कुमार नेवटिया इस धंधे का पुराना खिलाड़ी है. इसके पास डिग्री कंपाउंडर की भी नहीं है लेकिन सुनील नेवटिया अपने फर्जी नर्सिंग होम में बड़े बड़े ऑपरेशन करने से भी बाज नहीं आता था. इतना ही नहीं कमीशन देकर झोला छाप चिकित्सकों द्वारा ऑपरेशन सहित इलाज करवाने की बात कही जा रही है. सबसे ताज्जुब की बात यह है कि इस फर्जी नर्सिंग होम में रेफरल अस्पताल गोगरी में कार्यरत महिला चिकित्सक डॉ शोभा रानी भी फीस लेकर इलाज करती थी.
बड़े बड़े डॉक्टरों का नाम बोर्ड पर लिख कर इलाज के नाम पर खिलवाड़ करने वाले सुनील के इस फर्जी क्लिनिक में पहले भी मरीजों की मौत हो चुकी है लेकिन उस वक्त पैसे के दम पर मामले को दबा दिया गया. लेकिन इस बार मानसी थाना क्षेत्र के खिरनियां निवासी अमोद ठाकुर की पुत्री लक्ष्मी कुमारी के गलत इलाज के कारण मौत के बाद सुनील के कारनामे का भंडाफोड़ हो गया.
खगड़िया किया रेफर… गोगरी में किया ऑपरेशन
सबसे ताज्जुब की बात यह है कि जब खगड़िया के नामी चिकित्सक डॉ प्रेम शंकर ने लक्ष्मी कुमारी को अपेंडिक्स की ऑपरेशन करने के जगह दवाई खाने की सलाह दी थी तो दवाई दुकानदार लक्ष्मी मेडिकल हॉल के संचालक सुनील कुमार ने किस झोला छाप डॉक्टर के सलाह और पैसे के लोभ में लक्ष्मी कुमारी का ऑपरेशन कर उसे सदा के लिए मौत की नींद में सुला दी.
जिस फर्जी क्लिनिक में जांच के लिए पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम, वहां बंद था ताला
लक्ष्मी की मौत के बाद गोगरी थाना में सुनील सहित चार लोगों पर दर्ज है प्राथमिकी
नामी डॉक्टर का नाम बोर्ड पर लिख मरीजों का हो रहो था दोहन
कमीशन देकर सुनील नेवटिया झोलाछाप डॉक्टर से करवाता था मरीजों का ऑपरेशन
रेफरल अस्पताल के महिला चिकित्सक डॉक्टर शोभा रानी का नाम है बोर्ड में अंकित
लक्ष्मी मेडिकल हॉल में ताला बंद कर फर्जी क्लिनिक संचालक सहित अन्य डॉक्टर फरार
झोपड़ी में होता था अपेंडिक्स जैसा ऑपरेशन
लक्ष्मी मेडिकल हॉल के संचालक सुनील कुमार आगे में दवाई दुकान चलाते थे और ठीक उसके पीछे में एक झोपड़ी नुमा कमरे में गंभीर से गंभीर मरीजों का झोला छाप डॉक्टर को दूर-दराज से बुलाकर कमीशन के चक्कर में बिना जांच और सुविधाविहीन कमरे में ही बेहिचक ऑपरेशन करा देते हैं. मरीज बच गया तो ठीक है… वरना राम नाम सत्य है. बताया जाता है कि गलत इलाज के कारण कई मरीजों की जानें अब तक जा चुकी है. लक्ष्मी के अपेंडिक्स का ऑपरेशन जिस कमरे में किया गया है वह कहीं से भी उपर्युक्त नहीं है. एक झोपड़ी में बिना ऑक्सीजन सहित अन्य उपकरण के यहां घाव का ऑपरेशन करना भी खतरे से खाली नहीं है. टीन के चदरा की छत वाले इस ऑपरेशन थियेटर को देखने के बाद शौचालय जैसा प्रतीत होता है.
लक्ष्मी नामक युवती की गलत इलाज के कारण मौत की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद दिशा नेत्रालय को सील करने का आदेश एसडीओ की ओर आया है. जल्द ही सीओ के साथ इस आदेश का अनुपालन करते हुए फर्जी नर्सिंग होम को सील कर दिया जायेगा.
अनिल कुमार यादवेंदु, थानाध्यक्ष गोगरी.