दोनों नेताओं ने सिंगापुरशिखर वार्ता के दौरान ऐतिहासिक समझौता किया
सिंगापुर : उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से सुरक्षा गारंटी दिए जाने के बदले में बीती बातों को भुलाने और ‘‘कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण’ की ओर काम करने का आज वादा किया. अतीत में दोनों नेता एक-दूसरे पर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष कटाक्ष करते थे और एक-दूसरे के सबसे बड़ेराजनीतिक शत्रु माने जाते थे. आज दोनों एक-दूसरे की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. एक बार ट्रंप ने किम पर संकेतों में निशाना साधते हुए कहा था कि जब मैं उन्हें मोटा व छोटा नहीं कहता हूं तो वे भला मुझे बूढ़ा कह कर मेरा अपमान क्यों करेंगे? जब ट्रंप 12 दिन की लंबी एशिया यात्रा पर आए थे तो उत्तर कोरिया ने उसे उनकी युद्धोन्मादी एशिया यात्रा बताया था. उत्तर कोरिया ने एक बार ट्रंप को युद्धोन्मादी पागल बूढ़ा बताया था.
संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर
दोनों नेताओं ने यहां ऐतिहासिक वार्ता को खत्म करते हुए एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए. बयान के अनुसार, ट्रंप और किम ने दोनों देशों के बीच नए संबंध बनाने और कोरियाई प्रायद्वीप में स्थायी शांति स्थापित करने से संबंधित मुद्दों पर विस्तारपूर्वक, सघन तथा ईमानदारी से बातचीत की. बयान में कहा गया है, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप डीपीआरके (कोरिया लोकतांत्रिक जनवादी गणराज्य) को सुरक्षा गारंटी देने के लिए प्रतिबद्ध हैं तथा चेयरमैन किम जोंग उन ने कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण की ओर दृढ़ एवं अटल प्रतिबद्धता जतायी है.’
इसमें कहा गया है कि दोनों पक्षों ने युद्ध बंदियों और युद्ध में लापता लोगों के अवशेषों को बरामद करने की प्रतिबद्धता भी जतायी. कई महीनों की कूटनीतिक उठापटक के बाद दोनों नेताओं ने सेंटोसा द्वीप पर कापेला सिंगापुर होटल में केवल अनुवादकों की मौजूदगी में एक-दूसरे से मुलाकात की और इसके बाद अपने शीर्ष सहायकों के साथ वर्किंग लंच पर मिले. ट्रंप ने वार्ता के अंत में मीडिया की मौजूदगी में किम के साथ दस्तावेज पर हस्ताक्षर करते हुए कहा, ‘‘हम बेहद वृहद दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर रहे हैं और हमने साथ में अच्छा वक्त बिताया तथा अच्छे संबंध बनाए.’
तारीफ और उम्मीद भरे वचन
अमेरिका के किसी राष्ट्रपति और उत्तर कोरियाई नेता के बीच यह इस तरह की पहली वार्ता रही. परमाणु निरस्त्रीकरण के बारे में एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा, ‘‘हमने उस प्रक्रिया को शुरू कर दिया है.’ किम ने एक अनुवादक की मदद से कहा, ‘‘हमने बीती बातों को पीछे छोड़ने का फैसला किया है. दुनिया एक बड़ा बदलाव देखेगी.’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि आज जो भी हुआ उन्हें उस पर गर्व है और दोनों नेता ‘‘दुनिया की सबसे खतरनाक समस्या का हल निकालेंगे.’
ट्रंप (71) ने कहा कि यह वार्ता उम्मीदों से कहीं बेहतर रही और उनका 34 वर्षीय किम के साथ ‘‘काफी अनोखा रिश्ता’ बन गया है.’ यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों नेता फिर मिलेंगे, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘हम फिर मिलेंगे, हम कई बार मिलेंगे.’ उन्होंने कहा कि किम ‘‘बेहद प्रतिभाशाली व्यक्ति’ हैं जो ‘‘अपने देश को बहुत प्यार करते हैं.’ ट्रंप ने कहा कि वह ‘‘निश्चित तौर पर’ किम को व्हाइट हाउस में आने के लिए आमंत्रित करेंगे. कमरे से निकलते हुए ट्रंप और किम ने एक-दूसरे की पीठ थपथपाई. इससे पहले सुबह एक लग्जरी होटल में दोनों नेताओं के अलग-अलग पहुंचने के साथ वार्ता शुरू हुई.
बाधाओं को पार किया
अमेरिका और उत्तर कोरियाई ध्वजों के सामने दोनों एक दूसरे की तरफ आगे बढ़े और दृढ़ता से एक-दूसरे का हाथ थाम लिया. दोनों नेताओं ने करीब 12 सेकंड तक हाथ मिलाया. इस दौरान उन्होंने एक-दूसरे से कुछ शब्द कहे और उसके बाद होटल के पुस्तकालय के गलियारे में चले गए. महीनों की लंबी कूटनीतिक खींचतान और बातचीत के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात थी. वार्ता शुरू होने से पहले अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में राष्ट्रपति ट्रंप ने उम्मीद जतायी थी कि यह ऐतिहासिक शिखर वार्ता ‘‘जबर्दस्त सफलता’ वाली होगी. इसके बाद उत्तर कोरियाई तानाशाह ने कहा कि सिंगापुर में आज हो रही बैठक की राह में कई ‘‘रोड़े’ थे. उन्होंने अनुवादक के जरिये संवाददाताओं को बताया, ‘‘हमनें उन बाधाओं को पार किया और आज हम यहां हैं.’
इसके बाद ट्रंप ने कहा, ‘‘आपका बहुत शुक्रिया.’ स्थानीय समयानुसार सुबह नौ बजकर छह मिनट पर वे कमरे में गए जहां उन्होंने अकेले में करीब 45 मिनट तक मुलाकात की. इस दौरान केवल अनुवादक उनके साथ मौजूद रहे. उत्तर कोरियाई मीडिया के मुताबिक किम वास्तव में वार्ता स्थल पर ट्रंप से सात मिनट पहले पहुंच गए थे. ऐसा उन्होंने सम्मान व्यक्त करने के लिए किया क्योंकि यह संस्कृति है, जिसमें युवा बुजुर्गों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए उनसे पहले पहुंचते हैं. ट्रंप ने जो लाल टाई पहनी हुई थी वह भी किम के प्रति कुछ सम्मान व्यक्त करने वाली हो सकती है क्योंकि उत्तर कोरियाई इस रंग को पसंद करते हैं.
भोजन में क्या-क्या था?
बाद में उन्होंने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की. किम से कम से कम तीन बार पूछा गया कि क्या वह परमाणु हथियार छोड़ देंगे, इसकी प्रतिक्रिया में वह सिर्फ मुस्कुराए. किम ने कहा, ‘‘आगे चुनौतियां आएंगी लेकिन हम ट्रंप के साथ काम करेंगे. हम इस शिखर वार्ता को लेकर सभी तरह की अटकलों और संदेहों से पार पा लेंगे और मेरा मानना है कि शांति के लिए यह अच्छा है.’ प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक के बाद ट्रंप और किम ने कामकाजी बातचीत करते हुए दोपहर का भोजन किया जिसमें उनके लिए पश्चिमी और एशियाई व्यंजन परोसे गए जिसमें कोरियन स्टफ्ड कुकुंबर और बीफ से लेकर हागेन दाज की आईसक्रीम शामिल थीं. दोनों नेताओं ने जैसे ही कमरे में प्रवेश किया, उनकी तस्वीरें खींचींगयी. इस मौके पर ट्रंप ने मजाकिया लहजे में कहा कि वह एक ‘‘खूबसूरत तस्वीर’ चाहते हैं जिसमें वह अच्छे दिखाई दे रहे हों.
लंच के बाद दोनों नेताओं ने होटल के अहाते में चहलकदमी की. वार्ता की पूर्व संध्या पर अमेरिका ने ‘‘पूर्ण, सत्यापित और अपरिवर्तनीय’ परमाणु निरस्त्रीकरण के बदले उत्तर कोरिया को ‘विशिष्ट’ सुरक्षा गारंटी की पेशकश की थी. अमेरिका ने इस बात पर जोर दिया था कि उसे कोरियाई प्रायद्वीप में पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण से कम कुछ भी मंजूर नहीं है.