इस्लामाबाद : पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने मंगलवारको छह साल की एक लड़की के बलात्कार और हत्या मामले के एक दोषी की अपील ठुकरा दी और उसकी मौत की सजा को बरकरार रखा. इस घटना को लेकर देशभर में आक्रोश पैदा हो गया था और कई जगह विरोध प्रदर्शन हुए थे.
‘डॉन अखबार’ ने खबर दी कि लाहौर रजिस्ट्री में न्यायमूर्ति आसिफ सईद खोसा, मंजूर अहमद मलिक और मंसूर अली शाह की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने दोषी इमरान अली की अपील ठुकरा दी और आतंकवाद रोधी अदालत द्वारा उसे दिये गये मृत्युदंड को बरकरार रखा. अदालत ने दोषी को चार आरोपों में मौत की सजा, एक में उम्रकैद, एक में सात साल की सजा और एक में 41 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. जिन चार आरोपों में मौत की सजा दी गयी है उसमें छह साल की लड़की के अपहरण, बलात्कार और हत्या तथा आतंकवादी कृत्य करना शामिल है.
खबर में कहा गया कि अली पर कम से कम सात अन्य बच्चों पर हमले का आरोप है जिनमें से पांच की हत्या की गयी. उसने सजा के खिलाफ लाहौर उच्च न्यायालय में अपील की थी, लेकिन उसकी अपील खारिज कर दी गयी थी. छह साल की लड़की चार जनवरी को लापता हो गयी थी और नौ जनवरी को कसूर में मृत मिली थी. उसके बलात्कार और हत्या के मामले से देशभर में आक्रोश पैदा हो गया था.