भैय्युजी महाराज: मॉडलिंग, आध्यात्म से आत्महत्या तक

<p>आध्यात्मिक नेता भैय्युजी महाराज ने मंगलवार को आत्महत्या कर ली. </p><p>उन्होंने इंदौर स्थित अपने घर पर ख़ुद को गोली मार ली. उन्हें तत्काल बॉम्बे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका. </p><p>भैय्युजी की पहचान आध्यात्मिक नेता की थी. हालांकि मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने उन्हें मंत्री का दर्जा दे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 12, 2018 9:54 PM

<p>आध्यात्मिक नेता भैय्युजी महाराज ने मंगलवार को आत्महत्या कर ली. </p><p>उन्होंने इंदौर स्थित अपने घर पर ख़ुद को गोली मार ली. उन्हें तत्काल बॉम्बे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका. </p><p>भैय्युजी की पहचान आध्यात्मिक नेता की थी. हालांकि मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने उन्हें मंत्री का दर्जा दे रखा था. </p><p>कहा जाता है कि मंत्री का दर्जा मिलने के बावजूद भैय्युजी ने कार और अन्य सुविधाओं को लेने से इनकार कर दिया था.</p><p>इंदौर के डीआईजी हरिनारायाणचारी ने मीडिया से बातचीत में ख़ुदकुशी की पुष्टि की है. उन्होंने यह भी कहा है कि पारिवारिक कलह ख़ुदकुशी की वजह हो सकती है. </p><p><a href="https://twitter.com/nitin_gadkari/status/1006470749064843264">https://twitter.com/nitin_gadkari/status/1006470749064843264</a></p><p>भैय्युजी के घर से एक सूइसाइड नोट भी बरामद हुआ है जिसमें उन्होंने लिखा है कि वो अपनी मर्ज़ी से ख़ुद को ख़त्म कर रहे हैं. </p><h1>कौन हैं भैय्युजी </h1><p>भैय्युजी का असली नाम उदय सिंह देशमुख था. मूल रूप से इनका परिवार विदर्भ का रहने वाला था. 37 साल की उम्र में भैय्युजी का झुकाव आध्यात्म की ओर हो गया. </p><p>उन्होंने सदगुरु दत्त धार्मिक ट्रस्ट बनाया था जो आज भी कई स्तरों पर सक्रिय है. हालांकि इन्होंने अपने करियर की शुरुआत मॉडलिंग से की थी. भैय्युजी की ख़ुदकुशी का मुख्य कारण अवसाद बताया जा रहा है. </p><p>भैय्युजी का ताल्लुक ज़मींदार घराने से था और वो विलासितापूर्ण जीवन के लिए जाने जाते थे. इंदौर में भैय्युजी का बड़ा आश्रम है. वो सफ़ेद मर्सडीज़ से चलते थे. पहली पत्नी के निधन के बाद भैय्युजी ने दूसरी शादी की थी. </p><p>भैय्युजी मराठा आध्यात्मिक नेता थे, इसलिए महाराष्ट्र में भी इनके चाहने वालों की बड़ी संख्या थी. राजनीति से भी भैय्युजी का सीधा संबंध रहा है और महाराष्ट्र की सभी पार्टियों में भैय्युजी को चाहने वाले लोग मौजूद थे. </p><p>2011 में जब अन्ना हज़ारे ने लोकपाल के समर्थन में दिल्ली के रामलीला मैदान में आंदोलन शुरू किया था तो भैय्युजी महाराज ने अनशन ख़त्म कराने में अहम भूमिका अदा की थी. </p><p>बताया जाता है कि भैय्युजी महाराज के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मशहूर गायिका लता मंगेशकर से भी अच्छे संबंध थे. </p><p>2011 में भैय्युजी महाराज ने नरेंद्र मोदी की सद्भावना यात्रा में जारी उपवास को जूस से तोड़वाया था. 2016 में जब गुजरात की तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल पर इस्तीफ़े का दबाव बढ़ा तो इंदौर भैय्युजी से मिलने पहुंची थीं. </p><p>आनंदीबेन की इस मुलाक़ात की काफ़ी चर्चा हुई थी. भैय्युजी महाराज उद्धव ठाकरे और पंकजा मुंडे के भी बहुत क़रीबी थे. </p><p>(भोपाल से शुरैह नियाज़ी का इनपुट शामिल)</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/BBCnewsHindi">फ़ेसबुक</a><strong> और </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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