भारत के छात्रों को ब्रिटेन में पढ़ने के लिए करनी पड़ेगी काफी मशक्कत, जानते हैं क्यों…?

लंदन : ब्रिटेन की सरकार ने देश के विश्वविद्यालयों में वीजा आवेदन प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए बनायी एक नयी सूची से भारतीय विद्यार्थियों को अलग कर दिया है. सरकार के इस कदम की खासी आलोचना की जा रही है. देश की आव्रजन नीति में बदलावों को शुक्रवार को संसद में पेश किया गया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 16, 2018 6:39 PM

लंदन : ब्रिटेन की सरकार ने देश के विश्वविद्यालयों में वीजा आवेदन प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए बनायी एक नयी सूची से भारतीय विद्यार्थियों को अलग कर दिया है. सरकार के इस कदम की खासी आलोचना की जा रही है. देश की आव्रजन नीति में बदलावों को शुक्रवार को संसद में पेश किया गया. ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने लगभग 25 देशों के विद्यार्थियों के लिए टियर-4 वीजा श्रेणी में ढील का ऐलान किया.

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ब्रिटेन की सरकार की ओर से तैयार इस सूची में अमेरिका, कनाडा और न्यूजीलैंड जैसे देश पहले से ही शामिल थे. अब चीन, बहरीन व सर्बिया जैसे देशों को इसमें शामिल किया गया है. इन देशों के विद्यार्थियों को ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए शिक्षा, वित्त और अंग्रेजी भाषा जैसे मानकों पर कम जांच से गुजरना होगा. यह बदलाव छह जुलाई से प्रभावी होंगे और इनका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए ब्रिटेन में अध्ययन को आसान बनाना है.

हालांकि, नयी विस्तारित सूची में भारत को शामिल नहीं किया गया है. इसका मतलब साफ है कि समान पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन करने वाले भारतीय विद्यार्थियों को कड़ी जांच और दस्तावेजी प्रक्रिया से गुजरना होगा. यूके काउंसिल फॉर इंटरनेशनल स्टूडेंट अफेयर्स (यूकेसीआईएसए) के अध्यक्ष लॉर्ड करण बिलमोरिया ने सरकार के इस कदम को भारत का ‘अपमान’ बताया है. उन्होंने कहा कि यह आव्रजकों को लेकर ब्रिटेन के ‘आर्थिक निरक्षरता व प्रतिकूल रवैये का एक और उदाहरण है.

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