दूसरों को खुश करें आपको भी अच्छा लगेगा

।। दक्षा वैदकर।। सुभाष का जन्मदिन था. अमित ने ऑफिस में फेसबुक खोला, तो उसे पता चला. उसने साथी कर्मचारियों को बताया और कहा, चलो दोस्तों, चल कर उसे विश करें. एक साथी ने जवाब दिया, ‘सुभाष ने खुद थोड़े ही अपना बर्थडे बताया. हम भला क्यों विश करें. हम जायेंगे, तो उसे लगेगा कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 26, 2014 6:27 AM

।। दक्षा वैदकर।।

सुभाष का जन्मदिन था. अमित ने ऑफिस में फेसबुक खोला, तो उसे पता चला. उसने साथी कर्मचारियों को बताया और कहा, चलो दोस्तों, चल कर उसे विश करें. एक साथी ने जवाब दिया, ‘सुभाष ने खुद थोड़े ही अपना बर्थडे बताया. हम भला क्यों विश करें. हम जायेंगे, तो उसे लगेगा कि पार्टी मांगने आ गये. उसने जान-बूझ कर किसी को नहीं बताया है, ताकि उसे पार्टी देनी न पड़े. जाने दो.’ अमित ने दूसरे साथी से पूछा,‘तुम चलोगे?’

साथी ने जवाब दिया, ‘अभी मैं थोड़ा काम कर रहा हूं. सुभाष इस तरफ आयेगा, तो विश कर दूंगा. अभी उठ कर कौन जाये.’ अमित तीसरे साथी से पूछता, उसके पहले ही वह बोला.. ‘चलो जल्दी. पहले कोई गिफ्ट खरीद लें. फिर साथ में विश करने चलेंगे.’ दोनों गिफ्ट लेने चल दिये. सुभाष को जब उन्होंने गिफ्ट देते हुए बर्थ डे विश किया, तो वह भावुक हो गया. उसने बताया कि उसे अब तक किसी ने विश नहीं किया. परिवार के लोग भी उसका बर्थ डे भूल गये. उसने दोस्तों को धन्यवाद कहा और गले लगा लिया.

अब आप सोचें कि सुभाष के ऑफिस के चारों दोस्तों में किसके जैसा स्वभाव होना सही है. आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर दोस्तों ने विश नहीं किया होता, तो सुभाष की स्थिति कैसी होती. वह दिनभर उदास रहता और इंतजार करता रहता कि काश कोई उसे विश करे. उसे महत्व दे. सोचनेवाली बात है कि कोई खुद क्यों कहेगा कि मेरा आज बर्थ डे है और मुङो विश करो.

दोस्तों, एक मशहूर कथन है कि खुद खुश होना चाहते हैं, तो औरों को खुश रखना शुरू कर दें. खुशी के इस संचार से आप औरों का तो फायदा करते ही हैं, साथ ही खुद भी एक फील-गुड वाली भावना से भर जाते हैं. वैसे, अपनी खुशी में तो सभी खुश होते हैं, लेकिन आपके व्यक्तित्व की सार्थकता तब दिखाई पड़ती है, जब आप औरों की खुशी को भी उनके साथ एंजॉय करना सीख जाते हैं. इससे आपके अंदर तो सकारात्मकता का संचार होता ही है, साथ ही खुशी बांट रहे व्यक्ति के साथ आपके संबंध भी मधुर हो जाते हैं.

बात पते की..

जहां, जब भी मौका मिले, लोगों को खुश कर दें. ये न सोचें कि सामनेवाले ने तो हमारी खुशी के लिए कुछ नहीं किया. आप पहल तो करें.

लोगों को खुशी देने के बाद जो खुशी मिलती है, वह बहुत अनमोल होती है. यह खुशी आपको संतुष्टि देती है और लोगों को आकर्षित करती है.

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