वॉशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी उत्पादों पर 100 प्रतिशत तक आयात शुल्क लगाने वाले देशों में भारत का उदाहरण देते हुए अमेरिका द्वारा व्यापार संतुलन साधने के लिए चीन, यूरोपीय संघ और भारत से आयातित सामान पर ऊंचे शुल्क लगाने की जवाबी कार्रवाई का बचाव किया है.ट्रंप की ओर से यह बयान ऐसे समय पर आया है जब अगले हफ्ते भारत और अमेरिका के बीच पहली ‘टू प्लस टू’ वार्ता होनी है. इसमें शामिल होने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण अमेरिका जाएंगी और अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ चर्चा करेंगी. विशेषज्ञों का मानना है कि व्यापार मुद्दों को लेकर द्विपक्षीय रिश्तों में जो मौजूदा माहौल बना हुआ है, इस बातचीत से उसमें बदलाव लाने में मदद मिलेगी. ट्रंप ने कहा, कई ऐसे देश हैं, उदाहरण के लिए भारत, जो कि 100 प्रतिशत शुल्क लगाते हैं. हम चाहते हैं कि इसे हटाया जाए.
उल्लेखनीय है कि फरवरी में ट्रंप ने कहा था कि भारत सरकार ने हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिल पर शुल्क को 75 प्रतिशत से घटाकर 50 प्रतिशत करने का फैसला किया, जो कि काफी नहीं है और उन्होंने इसे परस्पर लाभदायक बनाने के लिए कहा था क्योंकि अमेरिका में मोटरसाइकिल के आयात पर जीरो शुल्क लगता है. ट्रंप ने विदेशी उत्पादों के आयात पर शुल्क लगाने के अपने हालिया फैसले के बचाव के लिए व्यापार असंतुलन का हवाला दिया. ट्रंप ने कहा, मैं क्या करना चाहता हूं और मैंने जी 7 देशों की बैठक में क्या पेशकश की थी? मैंने कहा था कि सभी शुल्क और बाधाएं खत्म कर देते हैं. क्या सभी इससे सहमत हैं? और किसी ने भी हां नहीं कहा. मैंने कहा कि दोस्तों एक मिनट इंतजार कीजिए, आप शिकायत कर रहे हैं. ना शुल्क, ना कोई बाधा, आपका फैसला आप पर है, इसे करते हैं.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, अन्य देश अमेरिका से बातचीत कर रहे हैं. बिना शुल्क के आप कभी ऐसा नहीं कर सकते. अगर वह बातचीत नहीं करना चाहते है तो फिर हम शुल्क लगाएंगे. ट्रंप ने कहा कि हमने चीन के साथ व्यापार में पिछले वर्ष 500 अरब डॉलर गंवाए. यूरोपीय संघ के साथ 151 अरब डॉलर गंवाए. यह बड़ी बाधा है क्योंकि हमारे किसानव्यापार नहीं कर पा रहे हैं.