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नौकरीपेशा की बदलेगी जिंदगी: 52 घंटे से ज्यादा की ड्यूटी पर रोक

-काम और जीवन के बीच संतुलन स्थापित करने की तैयारी-द कोरिया में 52 घंटे से ज्यादा की ड्यूटी पर रोक जीवन को सुचारु रूप से चलाने के लिए काम और समय के बीच एक बेहतर संतुलन और सामंजस्य होना बहुत जरूरी है. जीवन में ऐसे अनेक मोड़ आते हैं, जब हम परिस्थितियों और प्रयासों के […]

-काम और जीवन के बीच संतुलन स्थापित करने की तैयारी
-द कोरिया में 52 घंटे से ज्यादा की ड्यूटी पर रोक

जीवन को सुचारु रूप से चलाने के लिए काम और समय के बीच एक बेहतर संतुलन और सामंजस्य होना बहुत जरूरी है. जीवन में ऐसे अनेक मोड़ आते हैं, जब हम परिस्थितियों और प्रयासों के बीच संतुलन स्थापित नहीं कर पाते हैं और नित नयी ऊंचाइयों को छूने की अंधी दौड़ में अस्त-व्यस्त जीवन और अत्यधिक तनाव को अपना साथी बना लेते हैं. दक्षिण कोरियाई सरकार ने अपने नागरिकों को इस तनाव भरे माहौल से बचाने के लिए उनके हफ्ते में काम करने की अवधि को निर्धारित करने का फैसला किया है. नये नियम के मुताबिक, दक्षिण कोरिया में कर्मचारियों को अब 52 घंटों से अधिक काम नहीं करना होगा. इसमें 40 घंटा को काम नियमित तौर पर होगा और जरूरत पड़ने पर 12 घंटा ओवरटाइम करना होगा. 12 घंटों से ज्यादा ओवरटाइम करने पर सरकार ने पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है.

किसी भी परिस्थिति में इससे समझौता नहीं किया जायेगा. दक्षिण कोरियाई न्यूज एजेंसी योनहाप के मुताबिक, कंपनियों को इस नियम को अपनाने के लिए छह महीने का समय दिया जायेगा. एक श्रम अधिकारी ने बताया कि हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि निचले स्तर पर कंपनियां इस आदेश का किस तरह पालन करेंगी. सरकार ने इन नियमों को सख्त बनाते हुए उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है. नियम न मानने वाली कंपनियों से 12.29 लाख रुपये बतौर जुर्माना वसूला जायेगा.

इसी महीने सरकार लायेगी बिल

काम और जीवन के बीच संतुलन स्थापित करने की मुहिम को कानूनी रूप प्रदान करने के लिए दक्षिण कोरियाई सरकार इसी महीने एक बिल संसद में पेश करेगी. संसद में इस बिल के ध्वनिमत से पारित होने की उम्मीद है. सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी के मुताबिक, यदि यह प्रयोग सफल रहा तो लोगों के जीवन स्तर में अवश्य सुधार आयेगा.

विपक्षी दल ने सरकार से लचीला रुख अपनाने की मांग की

विपक्षी दल लिबर्टी कोरिया पार्टी ने सरकार से अपने इस रुख पर पुनर्विचार की अपील की है. पार्टी का कहना है कि इससे लोग पार्ट टाइम जॉब नहीं कर पायेंगे. नतीजा यह होगा कि उन्हें अपनी जरूरत के सामानों को जुटाने का अवसर खत्म हो जायेगा. इससे लोग डिप्रेशन का भी शिकार हो सकते हैं.

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