कैलास मानसरोवर से लौट रहे 1575 भारतीय श्रद्धालु नेपाल में फंसे, दो की मौत
नयी दिल्ली/काठमांडू :कैलाश मानसरोवर की तीर्थयात्रा से लौट रहे 1,575 भारतीय खराब मौसम और भारी बारिश के चलते नेपाल के पहाड़ी इलाके में फंसे हुए हैं. भारत ने इन श्रद्धालुओं को निकालने के लिए नेपाल से मदद मांगी है और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. इस बीच, दो तीर्थयात्रियों की मौत हो गयी. विदेश […]
नयी दिल्ली/काठमांडू :कैलाश मानसरोवर की तीर्थयात्रा से लौट रहे 1,575 भारतीय खराब मौसम और भारी बारिश के चलते नेपाल के पहाड़ी इलाके में फंसे हुए हैं. भारत ने इन श्रद्धालुओं को निकालने के लिए नेपाल से मदद मांगी है और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. इस बीच, दो तीर्थयात्रियों की मौत हो गयी. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि 525 तीर्थयात्री नेपाल के हुमला जिले के सिमिकोट में, 550 तीर्थयात्री हिलसा में और 500 तीर्थयात्री तिब्बत के पास फंसे हुए हैं. सिमिकोट से करीब 150 श्रद्धालुओं को निकाला लिया गया है, जबकि चीन के तिब्बत क्षेत्र में कैलाश मानसरोवर मार्ग पर फंसे अन्य श्रद्धालुओं को भी निकालने के प्रयास तेज कर दिये गये हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बचाव अभियान पर पैनी नजर है. पीएम विदेश मंत्रालय और अन्य संबंधित अधिकारियों के संपर्क में हैं और फंसे हुए भारतीयों को हर संभव सहायता पहुंचाने के लिए निर्देश दिये हैं. उधर, नेपाल स्थित भारतीय दूतावास ने बताया कि केरल के नारायणम लीला (56) और आंध्र प्रदेश की सत्या लक्ष्मी की मौत हो गयी है. उनकी मौत क्रमश: सिमिकोट में ऊंचाई से जुड़ी बीमारी और तिब्बत में दिल का दौरा पड़ने से हुई है. उनके शवों को क्रमश: विशेष हेलीकॉप्टर के जरिये काठमांडू और नेपालगंज लाया गया है. सुषमा ने कहा कि भारत ने तीर्थयात्रियों एवं उनके परिवारों के लिए हॉटलाइन स्थापित की है तथा उन्हें तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम भाषा में सूचनाएं प्रदान की जायेंगी. दूतावास के अधिकारी सभी को भोजन एवं आवास मुहैया करा रहे हैं.
नेपाली सेना के संपर्क में है दूतावास हेलीकॉप्टर तैयार
एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय दूतावास नेपाल की सेना के संपर्क में है, जिसने हेलीकॉप्टर को तैयार रखा है. मौसम सुधरते ही हेलीकॉप्टर उड़ान भरेंगे. स्थिति नियंत्रण में है और घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने बताया कि सिमिकोट और तिब्बत में के दो-दो कर्मचारियों को तैनात किया गया है. उनके पास जरूरी सुविधाएं हैं, जिनके जरिये वहां फंसे भारतीय अपने घरों से संपर्क कर सकते हैं. दूतावास ने सभी टूर ऑपरेटरों से कहा है कि वह ज्यादा से ज्यादा तीर्थयात्रियों को जहां तक संभव हो तिब्बत की तरफ रोकने का प्रयास करें, क्योंकि नेपाल की तरफ चिकित्सीय और नगरीय सुविधाएं कम हैं. वह फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए वैकल्पिक रास्तों को देख रहा है.
कर्नाटक के हैं 290 तीर्थयात्री
यात्रा के रास्ते में कर्नाटक के लगभग 290 यात्री भी फंसे हुए हैं. राज्य सरकार ने नेपाल में भारतीय दूतावास को सहायता उपलब्ध कराने लिए कहा है. मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने नयी दिल्ली में कर्नाटक भवन के रेजिडेंट आयुक्त को तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाने का निर्देश दिया है.
हॉटलाइन नंबर
विदेश मंत्रालय : +977-9851107006, +977-9851155007, +977-9851107021, +977-9818832398