इस्लामाबाद : पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के दामाद को रविवारको उस समय गिरफ्तार कर लिया गया जब वह पनामा पेपर मामले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषसिद्धि के दो दिन बाद अपने समर्थकों की रैली का नेतृत्व करने के लिए नाटकीय रूप से रावलपिंडी में नजर आये.
कैप्टन (सेवानिवृत्त) मुहम्मद सफदर, उनकी पत्नी मरियम और शरीफ को शुक्रवार को एवेनफील्ड संपत्ति मामले में कैद की सजा सुनायी गयी थी. इस्लामाबाद जवाबदेही अदालत ने 68 वर्षीय शरीफ को उनकी गैर मौजूदगी में आय से अधिक संपत्ति के मामले में 10 साल तथा भ्रष्टाचार निरोधक प्राधिकरण राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) का सहयोग न करने के मामले में एक साल कैद की सजा सुनायी थी. दोनों सजा साथ-साथ चलेंगी जिसका मतलब है कि शरीफ को 10 साल जेल में रहना होगा. शरीफ की 44 वर्षीय बेटी एवं सह आरोपी मरियम को संबंधित मामले में सात साल तथा एनएबी का सहयोग न करने के मामले में एक साल कैद की सजा मिली है. दोनों सजा साथ-साथ चलेंगी.
सफदर को एनएबी का सहयोग न करने के मामले में एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनायी गयी थी. फैसले के बाद वह भूमिगत हो गये थे. रावलपिंडी में रैली में दिखे सफदर को एनएबी के अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया. इससे पहले एक ऑडियो संदेश में सफदर ने कहा कि वह रविवारको खुद ही अधिकरियों के समक्ष समर्पण कर देंगे. सफदर आगामी चुनाव में मनसेहरा से नेशनल असेंबली प्रांतीय विधानसभा की सीट पर चुनाव लड़नेवाले थे, लेकिन फैसले के बाद वह और उनकी पत्नी चुनाव लड़ने के अयोग्य हो गये हैं. पाकिस्तान का उच्चतम न्यायालय शरीफ को पनामा पेपर मामले में पहले ही जीवनभर के लिए चुनाव लड़ने के अयोग्य ठहरा चुका है.