कुआलालंपुर : मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने मंगलवार को कहा कि विवादित मुस्लिम उपदेशक जाकिर नाईक को प्रत्यर्पित करने संबंधी भारत की मांग को उनकी सरकारी आसानी से नहीं मानेगी. नाईक कथित रूप से आंतकवादी गतिविधियों और धन शोधन के मामले में भारत को वांछित है. न्यू स्ट्रेट्स टाइम्स की खबर के अनुसार, नाईक से मिलने के तीन दिन बाद मलेशिया के प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसी भी मांग को सुनने से पहले सभी पहलुओं पर विचार किया जाए.
नाईक से शनिवार को हुई मुलाकात के बाद पहली सार्वजनिक टिप्पणी में महातिर ने कहा, ‘हम दूसरों की मांग आसानी से नहीं मानते हैं. जवाब देने से पहले हमें सभी पहलुओं पर ध्यान देना होगा.’ उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करने की स्थिति में कोई व्यक्ति पीड़ित बन सकता है. मलेशिया के स्थाई निवासी का दर्जा प्राप्त नाईक को प्रत्यर्पित करने संबंधी भारत की मांग से जुड़े सवालों पर महातिर ने कहा, किसी भी मांग को मानने से पहले उनकी सरकार सभी पहलुओं पर गौर करेगी.
इस बीच, नाईक ने मलेशिया में रहने देने और उसके मामले पर तर्कपूर्ण तरीके से गौर करने के लिए मलेशिया सरकार और प्रधानमंत्री महातिर का धन्यवाद व्यक्त किया. स्टार ऑनलाइन की खबर के अनुसार, नाईक ने कहा कि उसे मलेशिया के विविधता भरे समाज का हिस्सा बनकर अच्छा लग रहा है. वह इसकी संवेदनशीलता को सलाम करता है. वह कभी भी, किसी भी रूप में इसके संतुलन को खराब नहीं कर सकता. किसी भी सूरत में देश के कानून का उल्लंघन नहीं कर सकता.