तोक्यो: जापान में बीते दिनों से लगातार हो रही बारिश के बादआयी भीषण बाढ़ में मरने वालों की संख्या 179 पर पहुंच गयी है. सरकार के शीर्ष प्रवक्ता ने आज ये आंकड़े सामने रखे. मूसलाधार बारिश के चलतेआयी बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं के बाद तलाश और बचाव अभियान जारी हैं. स्थानीय मीडिया का कहना है कि बड़ी संख्या में लोग अब भी लापता हैं. जापान में पिछले तीन दशकों में मौसम के कारणआयी यह सबसे बड़ी आपदा है.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे विस्थापितों से मिले PM अबे
कुराशिकी : जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे पिछले दिनों हुई भारी बारिश के चलते आयी बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए इलाकों में से एक का आज दौरा किया. बाढ़ में मरने वालों की संख्या 179 पर पहुंचगयी है और हजारों विस्थापित अब भी शिविरों में फंसे हुए हैं. स्थिति बिगड़ती हुई देख आबे ने इस हफ्ते नियोजित अपनी विदेश यात्रा रद्द कर दी. वह बाढ़ से उजड़ गए ओकायाम इलाके का दौरा कर वहां हुए नुकसान का आंखों देखा हाल जानेंगे. खबरों के मुताबिक बड़ी संख्या में लोग अब भी लापता हैं.
और बढ़ सकती है मृतकों की संख्या
जापान में पिछले तीन दशकों में मौसम के कारणआयी इस सबसे बड़ी आपदा में मृतकों की संख्या और बढ़ने का अंदेशा जताया जा रहा है. बचाव कर्मी अब भी लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं लेकिन धीरे – धीरे किसी के भी जीवित बचे होने की उम्मीदें धुंधली पड़ती जा रही हैं. आबे माबी जिले में हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए जाएंगे और विस्थापितों एवं स्थानीय अधिकारियों की जरूरतों पर चर्चा करने के लिए उनसे मुलाकात करेंगे.
पश्चिमी जापान में 10 हजार लाेग शिविर में
स्थानीय मीडिया ने बताया कि मध्य एवं पश्चिमी जापान के बड़े हिस्सों में करीब 10,000 लोग अब भी शिविरों में मौजूद हैं. इनमें से कुछ लोग ओकायामा के कुराशिकी प्रांत के एक स्कूल में भी फंसे हुए हैं. करीब 300 लोगों ने ओकादा एलिमेंट्री स्कूल में रात बितायी जिनमें से कई स्कूल के जिम में बिछी चटाइयों पर सोए. भीषण बाढ़ में घर, गाड़ियां, सामान, पेड़ सबकुछ बर्बाद हो गए. बाढ़ का कम होता हुआ पानी अब अपने पीछे बस बर्बादी का मंजर छोड़ रहा है। वहीं बारिश भले ही कुछ कम हुई हो लेकिन बाढ़ कीनयी चेतावनी आज फिर भी जारी कीगयी है. हिरोशिमा के फुकुयामा प्रांत में लोगों को इलाका खाली करने का आदेश दिया गया है. आशंका जतायी गयी है कि छोटी-सी झील के किनारे टूट सकते हैं. मंगलवार को इसी तरह का आदेश फुचु प्रांत में भी दिया गया था.
आज एक अधिकारी ने बताया कि जोखिम भले ही कम है लेकिन सभी निवासियों से सावधान रहने की अपील की गयी है. उन्होंने कहा कि पानी का स्तर कम होने की उम्मीद है लेकिन यह सुरक्षा की गारंटी बिलकुल भी नहीं है. आपदा में जीवितों और मृतकों की तलाश करने के लिए मलबा हटाने के काम पर 75,000 पुलिस कर्मियों, दमकल सदस्यों और सैन्य दस्तों को लगाया गया है.