पेशावर : उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में धार्मिक पार्टी जमियत उलेमा-ए-इस्लाम के काफिले को निशाना बनाकर किये गये बम हमले में उसके एक वरिष्ठ नेता बाल-बाल बच गये, जबकि इसमें पांच लोगों की मौत हो गयी, जबकि 39 अन्य घायल हो गये.
उत्तरी वजीरिस्तान कबायली जिले से सटे बन्नू जिले में हुए इस विस्फोट में खैबर पख्तूनख्वा के पूर्व मुख्यमंत्री और जमियत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल के नेता अकरम दुर्रानी मामूली रूप से घायल हुए. बम एक मोटरबाइक पर लगाया गया था. जब बाइक दुर्रानी के वाहन के पास पहुंची, उसमें विस्फोट हो गया. दुर्रानी सियासी गठबंधन मुत्तहिदा मजलिस-ए-अमाल के उम्मीदवार हैं. यह रूढ़ीवादी, इस्लामवादी, धार्मिक तथा पाकिस्तान के धुर दक्षिणपंथी दलों का गठबंधन है. जिस वक्त हमला हुआ, दुर्रानी एक चुनावी रैली से लौट रहे थे. बन्नू के क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी करीम खान ने बताया कि विस्फोट सभास्थल से करीब 40 मीटर की दूरी पर हुआ. घायलों को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया. इस चुनाव में दुर्रानी का मुकाबला पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान से है.
हमले के बाद खान ने कहा, ‘अकरम दुर्रानी और उनके काफिले पर आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘यह 25 जुलाई के चुनाव को नुकसान पहुंचाने की साजिश लगती है, लेकिन पाकिस्तान की जनता इस ऐतिहासिक चुनाव को निशाना बनाने की किसी भी साजिश को सफल नहीं होने देगी.’ पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव होने हैं. उससे पहले किसी सियासी रैली पर यह तीसरा आतंकी हमला है. इससे पहले, 10 जुलाई को पेशावर में चुनावी रैली में हुए हमले में आवामी नेशनल पार्टी के वरिष्ठ नेता हारून बिलौर तथा 19 अन्य लोग मारे गये थे.