‘सेक्रेड गेम्स’ में आख़िर राजीव गांधी को क्या कहा गया है?

<p>ऑनलाइन स्ट्रीमिंग कंपनी नेटफ़्लिक्स की पहली भारतीय सिरीज़ ‘सेक्रेड गेम्स’ पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि एक काल्पनिक वेब सीरीज़ के किरदार से उनके पिता (राजीव गांधी) के विचार बदल नहीं सकते हैं.</p><p>ये सिरीज़ छह जुलाई को रिलीज़ हुई थी और तब से ही विवादों में है. रिलीज़ होने के पांच दिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2018 11:22 PM

<p>ऑनलाइन स्ट्रीमिंग कंपनी नेटफ़्लिक्स की पहली भारतीय सिरीज़ ‘सेक्रेड गेम्स’ पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि एक काल्पनिक वेब सीरीज़ के किरदार से उनके पिता (राजीव गांधी) के विचार बदल नहीं सकते हैं.</p><p>ये सिरीज़ छह जुलाई को रिलीज़ हुई थी और तब से ही विवादों में है. रिलीज़ होने के पांच दिन बाद पश्चिम बंगाल कांग्रेस के नेता राजीव सिन्हा ने अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दिक़ी और इस सीरीज़ के निर्माताओं के ख़िलाफ़ कोलकाता <a href="https://www.financialexpress.com/entertainment/netflixs-sacred-games-in-trouble-congress-leader-files-complaint-against-nawazuddin-siddiqui-producers-for-insulting-rajiv-gandhi/1238643/">पुलिस में शिकायत दर्ज</a> कराई थी. </p><p>कांग्रेस नेता का आरोप है कि इस सिरीज़ के ज़रिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का अपमान किया गया है. </p><p>इस घटना के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी <a href="https://www.thequint.com/entertainment/celebrities/complaint-filed-against-sacred-games-for-maligning-rajiv-gandhi">शिकायत का समर्थन</a> किया था. </p><p>हालांकि, शनिवार शाम को राहुल गांधी ने अलग रुख़ अपनाया. उन्होंने ट्वीट किया, &quot;बीजेपी/आरएसएस का मानना है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को नियंत्रित किया जाना चाहिए. मेरे पिता भारत की सेवा के लिए जिये और मरे. एक काल्पनिक वेब सीरीज़ के किरदार से विचार कभी बदल नहीं सकते हैं.&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/RahulGandhi/status/1018123203728822272">https://twitter.com/RahulGandhi/status/1018123203728822272</a></p><p>राहुल गांधी ने इस ट्वीट के ज़रिए बीजेपी और आरएसएस को निशाने पर लिया. लेकिन ऐसा नहीं है कि इस सिरीज़ में केवल राजीव गांधी पर निशाना साधा गया है. </p><p>यह सिरीज़ कट्टर हिंदुत्ववाद को भी निशाने पर लेती है. इसके अलावा बाबरी विध्वंस और शाह बानो मामले को लेकर की गई टिप्पणियों पर भी बवाल मच सकता है.</p><h1>आख़िर क्या कहा राजीव गांधी पर?</h1><p>&quot;1977 में देश में इंदिरा गांधी की इमरजेंसी चालू थी. सरकार लोगों के ‘—‘ (लिंग) काटके ले जा रेली थी.&quot;</p><p>’सेक्रेड गेम्स’ सीरीज़ में मुख्य किरदार गणेश गाएतोंडे (नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी) का यह डायलॉग इकलौता डायलॉग नहीं जिस पर किसी कांग्रेसी को आपत्ति हो सकती है.</p><p>विक्रमादित्य मोटवानी और अनुराग कश्यप द्वारा निर्देशित इस पहली सिरीज़ के आठ एपिसोड्स में ऐसे कई डायलॉग हैं जिन पर कुछ लोग आपत्ति जता सकते हैं.</p><p>इस पहले ही डायलॉग को अगर लिया जाए तो इसमें इमरजेंसी के दौर में चल रही नसबंदी को आधार बनाकर माफ़िया गाएतोंडे उसे अपनी ज़बान में परोसता है. उस समय वह पहली बार मुंबई में क़दम रखता है.</p><p>एक अन्य एपिसोड की शुरुआत में ही गाएतोंडे अपनी कहानी फ़्लैशबैक में बता रहा होता है और उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अंतिम संस्कार, राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने और बोफ़ोर्स तोपों के दृश्य होते हैं. उस समय तक गाएतोंडे एक मामूली गुंडा होता है.</p><p>वह अपनी कहानी कहता है, &quot;साल था 1985, मां मरी तो बेटा पीएम बन गया. पीएम बनकर बोफ़ोर्स में घोटाला किया. अपुन सोचा कि जब देश में पीएम का ईमान नहीं है तो अपुन सीधे चलकर क्या करेगा.&quot;</p><p>यह हक़ीक़त है कि बोफ़ोर्स घोटाले में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम आया था, लेकिन यह कभी साबित नहीं हो सका. </p><p>सिरीज़ में महिलाओं के साथ हिंसा और जबरन सेक्स के दृश्यों की भरमार है. नेटफ़्लिक्स एक अमरीकी कंपनी है, इसलिए रिलीज़ को लेकर इसके निर्माताओं को किसी तरह की चिंता नहीं थी. </p><p>ऐसे ही दृश्यों की वजह से नेटफ़्लिक्स पर इसकी ग्रेडिंग 16+ है. </p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-41831625">1984: जब दिल्ली में ‘बड़ा पेड़ गिरा और हिली धरती…'</a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-42053166">’राजीव गांधी के क़ातिलों की सज़ा की एक हद हो'</a></p><h1>मुसलमान भी निशाने पर</h1><p>यह सिरीज़ गणेश गाएतोंडे नामक माफ़िया के इर्द-गिर्द है तो इसमें 70 से लेकर 90 तक का दशक है. उस दौरान देश में आपातकाल, राम मंदिर आंदोलन और मंडल कमीशन जैसी ऐतिहासिक घटनाएं हुईं.</p><p>इसका ज़िक्र सीरीज़ में है. इस सिरीज़ में गैंगवॉर, धर्म, संबंध सब समानांतर चलते हैं. इसी दौर में मुंबई के गैंग धर्मों में बंट गए थे.</p><p>एक अन्य मुख्य किरदार सब-इंस्पेक्टर सरताज सिंह (सैफ़ अली ख़ान) के पकड़े जाने पर माफ़िया कहता है कि इसके कपड़े अलग जलाना और बॉडी अलग तो एक बार फिर कहानी फ़्लैशबैक में पहुंचती है.</p><p>गाएतोंडे कहता है, &quot;वो राजीव गांधी भी ऐसा इच किया था. शाह बानो को अलग जलाया देश को अलग. 1986 में शाह बानो को तीन तलाक़ दिया उसका पति, वो कोर्ट में केस लड़ी और जीती. लेकिन वो प्रधानमंत्री राजीव गांधी वो ‘—‘ (डरपोक) बोला चुप बैठ औरत. कोर्ट का केस उलटा कर दिया और शाह बानो को मुल्लों के आगे फेंका. इस पर उसको हिंदुओं से बोहोत गाली पड़ी और उनको ख़ुश करने के लिए टीवी पर रामायण शुरू किया. हर संडे सुबह पूरा देश चिपककर टीवी देखता था और इनमें सबसे बड़ा भक्त अपना बंटी. बंटी को तभी समझ में आया था कि भगवान के रास्ते चलने से सारा रास्ता खाली हो जाता है.&quot;</p><p>&quot;प्रधानमंत्री का वो छोटा सा बंदरबांट पूरे देश को हिलाकर रख दिया.&quot;</p><p>इसमें शाह बानो मामले और राम मंदिर आंदोलन का ज़िक्र है. गुज़ारा भत्ते को लेकर शाह बानो के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया फ़ैसला ऐतिहासिक माना गया था. इसके बाद संसद में मुस्लिम महिला (तलाक़ पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 1986 लाया गया था. </p><p>माना जाता है कि तत्कालीन सरकार इसे मुसलमानों को ख़ुश करने के लिए लाई थी. </p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/entertainment-44755699">’अपुन आज़ाद हो गया है, अपने को नया धर्म मांगता है…'</a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/entertainment-44727123">’मैं ऐसा रोल करना चाहता हूं जो दूसरों के लिए ड्रीम हो जाए'</a></p><p>एक जगह गाएतोंडे इतिहास का पन्ना खोलकर बोलता है, &quot;बुरा टाइम बिना बताए शुरू हो गया था. टाइम ही कुछ ऐसा था. पूरा देश ही कमजोर लग रहा था. कश्मीर में होम मिनिस्टर की बेटी किडनैप हो गई थी. दिल्ली में मंडल के नाम पर बच्चे अपने पर केरोसिन डाल रहे थे और संसद में रोज़ प्रधानमंत्री ऐसे बदल रहे थे जैसे कच्छा हो. पर अपुन गोपालमठ को इतनी आसानी से जाने देने वाला नहीं था.&quot;</p><p>सिरीज़ में दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद गिरने और इसके बाद सांप्रदायिक दंगों का भी जिक्र है.</p><p>लेखक विक्रम चंद्रा के उपन्यास ‘सेक्रेड गेम्स’ पर आधारित इस सिरीज़ के हर एपिसोड की क्रेडिट की शुरुआत में ‘जय श्रीराम’ के नारे और बाबरी मस्जिद पर चढ़ते कारसेवकों का दृश्य है. साथ ही रथयात्रा के दृश्य भी हैं.</p><p>मुंबई की माफ़ियागिरी के साथ धर्म और पाखंड को लपेटे एपिसोड्स से विवाद भी पैदा हो रहे हैं. अब देखना यह है कि अगली सीरीज़ के बाकी एपिसोड्स किसे कितना नाराज़ करेंगे?</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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