जोहानिसबर्ग : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन से इतर अर्जेंटीना और अंगोला के राष्ट्रपतियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करके ऊर्जा और कृषि सहित अन्य क्षत्रों में संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी और अंगोला के राष्ट्रपति जोओ लौरेंको की एक तस्वीर ट्वीट की. कुमार ने एक ट्वीट में लिखा , ‘ प्रधानमंत्री मोदी की अंगोला के राष्ट्रपति जोओ लौरेंको के साथ द्विपक्षीय बैठक जोहानिसबर्ग में हुई.
कारोबार , निवेश , कृषि , तेल , फार्मा, प्राकृतिक गैस और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में संबंधों को बढ़ावा देने पर चर्चा.’ भारत और अंगोला के संबंध पारंपरिक रूप से मैत्रीपूर्ण रहे हैं. भारत ने अंगोला को पुर्तगाल के शासन से मुक्त कराने में मदद की थी. अंगोला को 1975 में पुर्तगाली शासन से आजादी मिली है.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक ट्वीट में बताया कि मोदी ने अर्जेंटीना के राष्ट्रपति मौरिसो माक्री के साथ अलग द्विपक्षीय बैठक की. पीएमओ ने ट्वीट किया , ‘अर्जेंटीना के साथ संबंधों को प्रगाढ़ करने की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्जेंटीना के राष्ट्रपति मैरिसियो मैक्री के साथ चर्चा की. खास तौर से कृषि , फार्मास्टिकल और निवेश के क्षेत्र पर चर्चा हुई.’ प्रधानमंत्री मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए बुधवार को जोहानिसबर्ग के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे. इस साल इस सम्मेलन का विषय ‘ ब्रिक्स इन अफ्रीका ‘ है.
रूस के साथ भारत की दोस्ती बहुत गहरी है और हमारे देश विभिन्न क्षेत्रों में साथ मिलकर काम करते रहेंगे.’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बाद में ट्वीट में कहा कि दोनों नेताओं ने आपसी हितों खासतौर से व्यापार , निवेश , ऊर्जा , रक्षा और पर्यटन संबंधी द्विपक्षीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा की. उन्होंने बताया कि मोदी – पुतिन की बैठक स्थानीय समयानुसार आधी रात को खत्म हुई. मई में सोच्चि में मुलाकात के दौरान भारत और रूस ने अपनी कूटनीतिक साझेदारी को ‘ विशेषाधिकार कूटनीतिक साझेदारी ‘ में बदला था. मोदी दो दिवसीय ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के लिए बुधवार को जोहानिसबर्ग पहुंचे. इस बार सम्मेलन की थीम ‘ ब्रिक्स इन अफ्रीका ‘ है. ब्रिक्स की स्थापना 2009 में हुई थी और पांच देश ब्राजील , रूस , भारत , चीन तथा दक्षिण अफ्रीका इसके सदस्य हैं.