काहिरा : मिस्र की सरकारी मीडिया ने कहा है कि एक अदालत ने 2013 में यहां के अपदस्थ पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के समर्थन में धरने में कथित भागीदारी के लिए 75 लोगों को मौत की सजा सुनायी है. इनमें प्रतिबंधित मुस्लिम ब्रदरहुड के शीर्ष नाम शामिल हैं. काहिरा आपराधिक अदालत में शनिवार के फैसले को सर्वोच्च मुफ्ती के पास भेजा जायेगा, जिस पर वह सजा पर अबाध्यकारी विचार रखेंगे. वह आम तौर पर अदालत के निर्णय को मंजूरी दे देते हैं.
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सरकारी अल अहरम समाचार वेबसाइट के अनुसार, 660 अन्य को सजा सुनाया जाना आठ सितंबर के लिए तय है. मामले में 739 प्रतिवादी शामिल हैं, जिसमें मुस्लिम ब्रदरहुड का सर्वोच्च मार्गदर्शक मोहम्मद बदी और फोटो पत्रकार महमूद अबु जैद शामिल हैं. आरोप हत्या से लेकर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने तक है.
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गौरतलब है कि साल 2013 में अगस्त महीने के दौरान मिस्र में अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के समर्थन में मुस्लिम ब्रदरहुड ने सरकार विरोधी ताजा प्रदर्शनों का आह्वान किया था. इससे पूर्व सुरक्षा बलों ने अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के समर्थकों के साथ एक मस्जिद में तनावपूर्ण टकराव टाल दिया. हालांकि, इस दौरान केवल चार दिन में इन दोनो पक्षों के बीच सड़कों पर हुए खूनी संघर्ष में करीब 800 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी थी.