अमरीकी चुनावों को प्रभावित करने का शक, फ़ेसबुक ने पेज किए बैन

फ़ेसबुक ने कहा है कि नवंबर में होने वाले अमरीकी मध्यावधि चुनावों को प्रभावित करने के संभावित इरादों से बनाए गए 32 संदिग्ध अकाउंट और पेज को उसने हटा दिया है. उसका कहना है कि जांच के ‘बिलकुल शुरुआती’ चरण में उसने ऐसा किया है और अभी तक मालूम नहीं चला है कि इसके पीछे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 1, 2018 7:50 AM

फ़ेसबुक ने कहा है कि नवंबर में होने वाले अमरीकी मध्यावधि चुनावों को प्रभावित करने के संभावित इरादों से बनाए गए 32 संदिग्ध अकाउंट और पेज को उसने हटा दिया है.

उसका कहना है कि जांच के ‘बिलकुल शुरुआती’ चरण में उसने ऐसा किया है और अभी तक मालूम नहीं चला है कि इसके पीछे कौन है.

यह भी कहा गया है कि 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप की तुलना में इन अकाउंट के निर्माताओं ने अपनी पहचान छिपाने के लिए काफ़ी अकाउंट बनाए हुए हैं.

फ़ेसबुक ने क्या पाया?

सोशल नेटवर्किंग साइट ने अपने ब्लॉग में कहा है कि उसने फ़ेसबुक पर 17 और इंस्टाग्राम पर सात संदिग्ध अकाउंट पाए.

उसने बताया है कि इन अकाउंट्स ने 9,500 से अधिक फ़ेसबुक पोस्ट की थी और इंस्टाग्राम पर एक जैसी सामग्री थी.

इसमें बताया गया है कि इनमें से एक पेज को 2 लाख 90 हज़ार से अधिक अकाउंट फ़ॉलो कर रहे थे.

फ़ेसबुक ने बताया है कि संदिग्ध अकाउंट फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम पर लगभग 150 विज्ञापन चला रहे थे जिनकी कुल लागत 11 हज़ार डॉलर है.

इन कुल फ़र्ज़ी अकाउंट्स में से जो प्रसिद्ध हैं, उनमें अस्टलान वॉरियर्स, ब्लैक एलिवेशन, माइंडफ़ुल बीइंग और रेसिस्टर्स हैं.

फ़ेसबुक को कैसे मालूम कि कौन है ज़िम्मेदार?

फ़ेसबुक ने कहा है कि रूस स्थित इंटरनेट रिसर्च एजेंसी (आईआरए) ने जैसा पहले किया था उसकी तुलना में इन अकाउंट के निर्माताओं ने अपनी पहचान छिपाने के लिए विभिन्न तरीकों का सहारा लिया है.

जैसे कि उन्होंने अपनी जगह का पहचान छिपाने के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क्स (वीपीएनएस) का सहारा लिया है और ख़ुद के लिए विज्ञापन चलाने के लिए तीसरी पार्टी का सहारा लिया है.

साथ ही सोशल नेटवर्किंग कंपनी ने कहा है कि उसने इस पूरी जांच में रूसी आईपी एड्रेस को नहीं पाया है. हालांकि, उसने आईआरए और एक नए अकाउंट के एक लिंक को पाया है.

इनमें से बंद पड़े एक आईआरए अकाउंट ने रिसेस्टर्स पेज द्वारा बनाए गए एक फ़ेसबुक इवेंट को शेयर किया हुआ था.

कंपनी का कहना है कि वह फ़र्ज़ी अकाउंट के ‘निर्माताओं की शायद ही कभी पहचान कर पाए.’

फ़ेसबुक के मुख्य सुरक्षा अफ़सर एलेक्स स्टामोस ने कहा है, "हम जिन अकाउंट को अभी देख पा रहे हैं उनके निर्माता वह आईआरए भी हो सकता है या यह कोई दूसरा समूह भी हो सकता है."

"आक्रामक संगठन की असलियत जब एक बार सामने आ चुकी होती है तो वह अपनी तकनीक को सुधार लेता है और यह एक विश्वास है कि हम हमेशा ऐसे ज़िद्दी लोगों की पहचान करने में माहिर हैं."

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूबपर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

]]>

Next Article

Exit mobile version