इस्लामाबाद : पाकिस्तान के संसदीय चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के एक शीर्ष नेता ने बुधवार को कहा कि पार्टी ने विदेश कार्यालय से पूछा है कि क्या भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों को इमरान खान के शपथ-ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया जा सकता है.
इमरान (65) की अगुवाईवाली पीटीआई 25 जुलाई को पाकिस्तानी संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली के लिए हुए चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है और वह अपनी सहयोगी पार्टियों और निर्दलीय सांसदों के समर्थन से सरकार बना सकती है. पीटीआई के प्रवक्ता फवाद चौधरी ने कहा कि पार्टी बॉलीवुड स्टार आमिर खान और क्रिकेटरों कपिल देव एवं सुनील गावस्कर को शपथ-ग्रहण समारोह के लिए पहले ही आमंत्रित कर चुकी है. डॉन न्यूज टीवी ने सूत्रों के हवाले से कहा कि पीटीआई के वरिष्ठ नेताओं शिरीन मजारी और शफकत महमूद ने विदेश सचिव तहमीना जनजूआ से मुलाकात की और जानना चाहा कि शपथ ग्रहण समारोह में काफी कम दिन बचे होने के मद्देनजर किन विदेशी नेताओं को इस कार्यक्रम में बुलाने की गुंजाइश है.
सूत्रों ने बताया कि पीटीआई के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के सदस्य देशों और चीन एवं तुर्की के शासन प्रमुखों को शपथ-ग्रहण समारोह में बुलाने की अपनी इच्छा विदेश कार्यालय को बतायी और इस पर उसके सुझाव मांगे. चैनल ने सूत्रों के हवाले से कहा कि विदेश कार्यालय के अधिकारियों ने कहा कि विदेशी नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह में बुलाना एक संवेदनशील मुद्दा है और सारे पहलुओं पर विचार करने की जरूरत है. दि डॉन ने कहा, ‘विदेश कार्यालय की शुरुआती दलीलों से लगा कि विदेश कार्यालय मानता है कि यदि भारतीय प्रधानमंत्री ने न्योता स्वीकार नहीं किया तो पाकिस्तान को बड़ी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ेगा.’
पीटीआई प्रवक्ता चौधरी ने कहा कि पार्टी विदेश कार्यालय के जवाब का इंतजार कर रही है. मोदी ने सोमवार को इमरान को फोन करके आम चुनावों में उनकी पार्टी की जीत की बधाई दी थी और उम्मीद जतायी थी कि पाकिस्तान और भारत द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय शुरू करने के लिए काम करेंगे. इमरान ने शुभकामनाएं देने के लिए मोदी का शुक्रिया अदा किया और इस बात पर जोर दिया कि बातचीत के जरिए विवाद सुलझाये जाने चाहिए. मई 2014 में जब नरेंद्र मोदी ने भारतीय प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, उस वक्त उन्होंने तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आमंत्रित किया था और शरीफ नयी दिल्ली गये भी थे. इसके बाद, दिसंबर 2015 में मोदी शरीफ के जन्मदिन पर शुभकामनाएं देने के लिए अचानक कुछ देर के लिए लाहौर पहुंचे थे. हाल के वर्षों में भारत और पाकिस्तान के संबंध तनावपूर्ण हो गये हैं और कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं हो रही.