सरयू राय की कलम से : हरिवंश जी के सर्वमान्य एवं सर्वस्पर्शी व्यक्तित्व को नया आयाम मिलेगा
सरयू राय हरिवंशजी को राज्यसभा का उप सभापति चुने जाने पर हार्दिक बधाई. मैं संसद के सेंट्रल हॉल में बैठ कर हरिवंश जी के निर्वाचन की प्रक्रिया देख रहा था और इनके निर्वाचन के उपरांत प्रधानमंत्री सहित पक्ष-विपक्ष के नेताओं का उनके प्रति व्यक्त किये जा रहे उद्गार एवं बधाई के वक्तव्य को सुना़ प्रधानमंत्री […]
सरयू राय
हरिवंशजी को राज्यसभा का उप सभापति चुने जाने पर हार्दिक बधाई. मैं संसद के सेंट्रल हॉल में बैठ कर हरिवंश जी के निर्वाचन की प्रक्रिया देख रहा था और इनके निर्वाचन के उपरांत प्रधानमंत्री सहित पक्ष-विपक्ष के नेताओं का उनके प्रति व्यक्त किये जा रहे उद्गार एवं बधाई के वक्तव्य को सुना़ प्रधानमंत्री ने उनके बारे में, उनके गांव, परिवेश, व्यक्तित्व के बारे में प्राय: उन सभी पहलुओं के बारे में राज्यसभा को बता दिया, जिन्हें मैं और हरिवंशजी के निकट रहे सभी जानते हैं. जो हम वर्षों से जानते हैं वे बातें प्रधानमंत्री के मुखारविंद से सुनकर न केवल अपार प्रसन्नता हुई, बल्कि देश के प्रधानमंत्री की जानकारी वृहदारण्यक जानकारी रखने और सही समय के साथ सही जगह पर उन्हें अभिव्यक्त करने की क्षमता का एहसास भी हुआ.
हरिवंशजी को मैं तब से जानता हूं जब वे मुंबई में धर्मयुग के लिये पत्रकारिता करते थे. बाद में प्रभात खबर के प्रधान संपादक के रूप में भी उनके साथ कतिपय विषयों पर नजदीक से काम करने का मौका मिला. 1990 के दशक में कुख्यात चारा घोटाला, बाद में झारखंड का लौह अयस्क घोटाला और झारखंड के विकास की दिशा पर भी उनकी जानकारियों एवं जनोन्मुख दृष्टिकोण से अवगत होने का अवसर मुझे मिला. लौह अयस्क घोटाला को अंजाम तक पहुंचाना संभव नहीं हुआ होता यदि हरिवंश जी का साथ नहीं मिला होता.
1991-92 में मेरे सहपाठी मित्र, अब स्वर्गीय श्री तारकेश्वर सिंह ने रांची एयरपोर्ट पर विमान रोककर चारा घोटाला से जुड़े व्यक्तियों का आपत्तिजनक सामान उतरवा कर जब्त किया था, तब इसकी विस्तृत जानकारी लेने के लिये मैं रांची आकर उनके घर पर मिला था और संबंधित जानकारियां प्राप्त करने का प्रयास किया था.
तब उन्होंने कहा कि मैं उच्चाधिकारियों को इस बारे में भेजी गयी जानकारी को तो साझा नहीं कर सकता हूं, पर प्रभात खबर ने इस बारे में अपने स्रोतों से जो प्रकाशित किया है वे सत्य के समीप हैं. आप उन्हें पढ़ कर जान लीजिये. इससे चारा घोटाला को अंजाम तक ले जाने में इन शुरुआती जानकारियाें से काफी मदद मिली. इस संदर्भ में हरिवंश जी की जितनी सराहना की जाये, वह कम है.
जिस भांति प्रभात खबर को वे जिस उंचाई पर ले गये, जितना क्षेत्र विस्तार किया, आंचलिक पहचान को राष्ट्रीय आयाम दिलाया, झारखंड-बिहार-बंगाल का प्रमुख हिंदी अखबार बनाया, साथ ही इसकी गुणवत्ता को उच्चतम स्तर पर पहुंचाया, इससे इनकी क्षमता, क्रियाशीलता, समझदारी और विश्लेषणात्मक योग्यता का परिचय प्राप्त होता है.
प्रभात खबर के माध्यम से झारखंड की समस्याओं को पहचान दिलाना, पत्रकारिता के साथ राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय बौद्धिकता तथा क्षेत्रीय-ग्रामीण मेघा का समन्वय करना यानी अखबार को आंदोलन का स्वरुप प्रदान करना हरिवंश जी के व्यक्तित्व की विशेषता रही है.
सीमित संसाधन के बावजूद एक समाचार पत्र को कुछ सौ के सर्कुलेशन से लाखों में पहुंचाना और क्षेत्रीय पत्रकारिता को राष्ट्रीय स्तर पर समादृत कराने की चुनौती को पूरा करना और वह भी अल्प वेतनधारी युवा टीम के आधार पर हरिवंश जी के संपादकीय व्यक्तित्व का खास पहलू है़ जिसने मेरे जैसे अनेक लोगों को अपने समाचार पत्र के कॉलम में, पृष्ठों में और सुर्खियों में स्थान पाने का अवसर दिया है.
राज्यसभा के उप सभापति पद पर विराजमान होना हरिवंश जी के उत्तरोत्तर विकास की एक ऐसी सीढ़ी है, जहां उनके सर्वमान्य एवं सर्वस्पर्शी व्यक्तित्व को नया आयाम मिलेगा. धर्मयुग, रविवार, प्रभात खबर, पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर जी के प्रेस सलाहकार से लेकर राज्यसभा के उप सभापति पद पर विराजना हरिवंश जी के बहुआयामी व्यक्तत्वि को अधिकतम अनुभव समृद्ध बनायेगा, जिससे देश के भविष्य के समक्ष मंडरा रही विविध चुनौतियों का सामना करने की दिशा में गतिमान विविधता में एकता और सामाजिक समरसता की प्रतीक समतामूलक राष्ट्रीय शक्तियों को प्रोत्साहन प्राप्त होगा. एक मंत्री के नाते इस क्षण का प्रत्यक्ष गवाह बनने से मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं.