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उत्तर काेरिया से शिखर वार्ता करने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति सितंबर में प्योंगयांग जाएंगे

सोल: उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया सितंबर में प्योंगयांग में शिखर वार्ता करने के लिए आज राजी हो गए. दक्षिण कोरिया की योनहाप समाचार एजेंसी ने आज यह जानकारी दी. दोनों देशों की असैन्यीकृत क्षेत्र में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया. योनहाप ने सटीक तारीख की जानकारी के बगैर संयुक्त बयान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 13, 2018 2:48 PM

सोल: उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया सितंबर में प्योंगयांग में शिखर वार्ता करने के लिए आज राजी हो गए. दक्षिण कोरिया की योनहाप समाचार एजेंसी ने आज यह जानकारी दी. दोनों देशों की असैन्यीकृत क्षेत्र में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया. योनहाप ने सटीक तारीख की जानकारी के बगैर संयुक्त बयान के हवाले से कहा कि दोनों पक्ष योजना के अनुसार सितंबर में प्योंगयांग में दक्षिण-उत्तर शिखर वार्ता कराने के लिए बैठक में सहमत हुए. अगर दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून-जेइ-इन उत्तर कोरिया की राजधानी जाएंगे तो यह एक दशक से ज्यादा समय में ऐसी पहली यात्रा होगी.

मून और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच अप्रैल में हुई पहली ऐतिहासिक शिखर वार्ता में वे इस बात पर सहमत हुए थे कि दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति प्योंगयांग जाएंगे. आज की उच्च स्तरीय बैठक उत्तर कोरिया के असैन्यीकृत क्षेत्र के एक गांव में हो रही है. उत्तर कोरिया ने गत सप्ताह इस बैठक का प्रस्ताव रखा था. यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाए हैं. उत्तर कोरियाई के प्रमुख प्रतिनिधि री सोन ग्वोन ने एक बयान में कहा, ‘‘चूंकि उत्तर और दक्षिण कोरिया के नेताओं की प्योंगयांग वार्ता पर चर्चा की जा रही है तो मुझे लगता है कि इस मुद्दे के बारे में बात करने से लोगों की इच्छाओं का जवाब मिलेगा.’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने एक ऐसे युग की शुरुआत की है जहां हम एक-दूसरे की राह में रोड़े अटकाने के बजाय हाथ मिला रहे हैं.’ इस मेल-मिलाप के बावजूद उत्तर कोरिया के खिलाफ उसके परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों के लिए लगाए गए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध के चलते दोनों कोरियाई देश आर्थिक सहयोग नहीं कर पाएंगे.

सोल से प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे दक्षिण कोरिया के यूनिफिकेशन मंत्री मो म्योंग ग्योन ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि दोनों देशों का रुख एक जैसा रहे. चो ने कहा, ‘‘कई मुद्दे उठाए जाएंगे लेकिन मुझे लगता है कि इस सोच के साथ कोई भी समस्या सुलझाई जा सकती है.’ चो ने संभावना जताई कि उत्तर कोरिया उनके सामने प्रतिबंध के मुद्दे को उठा सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘हम उत्तर कोरिया के समक्ष अपना रुख स्पष्ट करेंगे.’ दोनों पड़ोसी देशों के बीच इस साल तेजी से शुरु हुए मेल-मिलाप ने जून में सिंगापुर में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और किम के बीच ऐतिहासिक शिखर वार्ता का मार्ग प्रशस्त किया. इस बीच, अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अलग-थलग पड़े उत्तर कोरिया पर सख्त प्रतिबंध लगाए रखने का अनुरोध किया है. विश्लेषकों का कहना है कि मून अमेरिका और उत्तर कोरियाई के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं.

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