नयी दिल्ली : अटल बिहारी वाजपेयी ने 15 साल पहले कहा था कि ‘आप दोस्त बदल सकते हैं, पड़ोसी नहीं’ और पड़ोसी देशों के साथ उनकी सौहार्दता की झलक तब मिली, जब पाकिस्तान सहित दक्षेस देशों के नेता उनके अंतिम संस्कार में उपस्थित हुए. भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, पाकिस्तान के कानून मंत्री अली जाफर, नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली, बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली और श्रीलंका के कार्यवाहक विदेश मंत्री लक्ष्मण किरीला सहित कई विदेशी हस्तियों ने यहां वाजपेयी के अंतिम संस्कार के दौरान अपनी उपस्थिति दर्ज करायी.
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने भी वाजपेयी को मध्य दिल्ली के स्मृति स्थल पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये. कई देशों के राजनयिक भी लोकप्रिय नेता के अंतिम संस्कार में शामिल हुए. वाजपेयी की दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्य ने ‘अटल बिहारी अमर रहें’ के नारों के बीच उन्हें मुखाग्नि दी. पूर्व प्रधानमंत्री ने हमेशा पाकिस्तान सहित पड़ोसी देशों के साथ अच्छे रिश्ते बनाने के प्रयास किये.
वाजपेयी ने 2003 में संसद के अंदर कहा था, ‘आप दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं.’ वाजपेयी के निधन की खबर गुरुवार की शाम को फैलते ही दुनिया भर से संवेदना संदेश आने लगे. पाकिस्तान के भावी प्रधानमंत्री इमरान खान ने वाजपेयी के निधन पर संवेदना जताते हुए कहा कि भारत-पाक शांति के लिए उनके प्रयासों को हमेशा याद किया जायेगा.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी वाजपेयी के निधन पर ‘गहरा दुख’ जताया. उन्होंने कहा कि वह हमारे महान मित्र थे और हमारे देश में उनका काफी सम्मान था. रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन, अमेरिका के विदेश मंत्री माइकल पॉम्पियो, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे, मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन अब्दुल गयूम और मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ ने वाजपेयी के निधन पर शोक जताया.