नयी दिल्ली : देश भर के थोक बाजारों और कई वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में अपनी दुकानों शुक्रवार को बंद रखी. वाजेपयी काफी समय से बीमार थे और गुरुवार की शाम को उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अपनी आखिरी सांस लीं. ऑल इंडिया ट्रेडर्स कान्फेडरेशन (कैट) के एक बयान में कहा गया है कि दिल्ली में आठ लाख से अधिक व्यापारियों और पूरे देश में लगभग छह करोड़ व्यापारियों ने अपने व्यापार प्रतिष्ठानों को बंद रखा और पूरे दिन कोई व्यावसायिक गतिविधियां नहीं हुई.
कैट ने दावा किया कि दिल्ली में सभी प्रमुख थोक और खुदरा बाजार बंद रहे और बाजार एकदम निर्जन दिखा. दिल्ली हिंदुस्तान मर्केंटाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल सिंघानिया ने कहा कि चांदनी चौक बाजार और अन्य थोक बाजार वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए बंद थे. हालांकि, ग्रीन पार्क एक्सटेंशन मार्केट एसोसिएशन के आरसी गंभीर ने कहा कि दिल्ली में थोक बाजार बंद थे, जबकि ग्रीन पार्क में ज्यादातर खुदरा दुकानें खुली थीं.
संपर्क करने पर उत्तर प्रदेश ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय पटवारी ने कहा कि वाजपेयी के निधन के कारण राज्य में सभी थोक और खुदरा बाजारों में से 60-70 फीसदी दुकानें बंद रहीं. अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्पाद वितरक संघ के अध्यक्ष डीएच पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र में थोक और वितरण लाइनों सहित प्रमुख व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे, जबकि कुछ खुदरा दुकानें खुली थीं.
कैट के पश्चिम बंगाल इकाई के संयोजक राजा रॉय ने कहा कि प्रदेश में लगभग 70 फीसदी थोक बाजार और खुदरा दुकानें बंद रहे, जबकि सभी प्रमुख शोरूम भी बंद रहे. तमिलनाडु के उपभोक्ता उत्पाद वितरक संघ के संस्थापक और अध्यक्ष गणेश राम ने कहा कि पूरे राज्य में कई खुदरा दुकानें बंद रहीं. चंडीगढ़ में मार्बल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश गर्ग ने कहा कि शहर में 80-85 फीसदी खुदरा दुकानों के साथ-साथ पंजाब के आसपास के इलाके बंद रहे.
जम्मू व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष नीरज आनंद ने कहा कि थोक बाजार खुले रहे हैं, जबकि 40-50 फीसदी खुदरा दुकानें बंद रहीं. बिहार में भारतीय सर्राफा एवं आभूषण विक्रेता संघ के अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि सभी थोक बाजारों के साथ-साथ राज्य में खुदरा प्रतिष्ठान वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए बंद थे.