नयी दिल्ली : अटल बिहारी वाजपेयी असाधारण नेता थे जो साधारण-सी पंक्तियों में असाधारण संदेश दिया करते थे. उनके निकट रहे या कभी उनके संपर्क में आये हर आदमी से जुड़े उनके कई किस्से हैं, जिसे राजनीति व पत्रकारिता के गलियारे में सुनाया जाता है और दोहराया भी जाता है. ऐसा ही एक किस्सा बिहार से आने वाले संजय पासवान से जुड़ा है.
90 के दशक में संजय पासवान उभरते दलित नेता थे. इसीदशक के मध्य1994 मेंवे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए. एक बार एक रैली में उन्होंने अटल जी को आमंत्रित किया. अटल जी ने उनके आमंत्रण को स्वीकार किया और शामिल हुए. वह वक्त राम जन्मभूमि आंदोलन के कुछ साल बाद का ही था. जाहिर है उसका प्रभाव अधिक ताजा था. भाजपा को उस दौर में प्रमुखता से एक हिंदूवादी पार्टी होने के आधार पर ही जाना जाता था.
संजय पासवान ने रैली में मंच पर कई बार जय श्री राम के नारे लगाये. अटल जी इससे नाराज हो गये. तब उन्होंने संजय पासवान से कहा कि भारतीय जनता पार्टी में जय श्री राम का नारा लगाने वालों की कमी नहीं है, ऐसे में अच्छा होगा कि वे दलितों के मुद्दों को ही प्रमुखता से उठायें. अटल जी ने बहुत साधारण तरीके से संजय पासवान को असाधारण संदेश दिया.
1999 में संजय पासवान को नवादा से लोकसभा का टिकट मिला. वे चुनाव भी जीते और वाजपेयी जी ने उन्हें अपने मंत्री परिषद में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री बनाया. संजय पासवान बीजेपी एससी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे. संजय पासवान वर्तमान में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं.