ह्यूस्टन : हवा में घुल चुके प्रदूषण से किसी भारतीय की उम्र डेढ़ साल तक कम हो जाती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि हवा की बेहतर गुणवत्ता से दुनिया भर में मनुष्य की उम्र बढ़ सकती है. यह पहली बार है, जब वायु प्रदूषण और जीवन अवधि पर डेटा का एक साथ अध्ययन किया गया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसमें वैश्विक अंतर कैसे समग्र जीवन प्रत्याशा पर असर डालता है.
यह भी पढ़ लें
पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नेवी ऑफिसर कुलभूषण जाधव पर फरवरी में सुनवाई करेगा इंटरनेशनल कोर्ट
EXCLUSIVE : कैसे सुधरेगी झारखंड की सेहत! बिना डॉक्टर, बिना स्टाफ चल रहे हैं तीन मेडिकल कॉलेज
महिला की तस्वीर से छेड़छाड़ कर सोशल मीडिया पर डाला, दो गांवों के बीच शुरू हो गयी हिंसा
अमेरिका के ऑस्टिन में टेक्सास विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने वायुमंडल में पाये जाने वाले 2.5 माइक्रोन से छोटे कण (पीएम) से वायु प्रदूषण का अध्ययन किया. ये सूक्ष्म कण फेफड़ों में प्रवेश कर सकते हैं और इससे दिल का दौरा पड़ने, स्ट्रोक्स, श्वसन संबंधी बीमारियां तथा कैंसर होने का खतरा होता है.
यह भी पढ़ लें
अमेरिका के इस प्रांत में आ रहा है ताकतवर तूफान, ट्रंप बोले : तैयार रहें लोग
जर्मनी में बोले राहुल, विकास से लोगों को दूर रखेंगे, तो पैदा होगा आतंकवाद, IS का दिया उदाहरण
कोलकाता : …और पाखी ने पिगी बॉक्स विमान बसु को सौंप दिया
पीएम 2.5 प्रदूषण बिजली संयंत्रों, कारों और ट्रकों, आग, खेती और औद्योगिक उत्सर्जन से होता है. वैज्ञानिकों ने पाया कि इससे प्रदूषित देशों जैसे बांग्लादेश में 1.87 वर्ष, मिस्र में 1.85, पाकिस्तान में 1.56, सऊदी अरब में 1.48, नाइजीरिया में 1.28 और चीन में 1.25 वर्ष तक आयु कम होती है. अध्ययन के अनुसार, वायु प्रदूषण से भारत में व्यक्ति की औसत आयु 1.53 वर्ष तक कम होती है.