कोक्स बाजार (बांग्लादेश) : म्यांमार में रोहिंग्या समुदाय के लोगों पर सेना के घातक हमलेको शनिवार को एक वर्ष पूरा हो गया. रोहिंग्या समुदाय ने इसे ‘काला दिवस’ करार दिया है.
म्यांमार के रखाइन प्रांत में पिछले साल 25 अगस्त को सेना ने रोहिंग्या मुसलमानों पर हमला किया था, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने ‘जातीय सफाया’ करार दिया था. सेना की इस क्रूर कार्रवाई के बाद करीब 7,00,000 लोगों ने बांग्लादेश शरणार्थी शिविरों में पनाह ली थी.
इसे भी पढ़ें
पंचायत का आनंद लोकसभा चुनाव में काफूर हो जायेगा : राहुल
बंगाल की लड़की से आर्केस्ट्रा संचालक ने किया दुष्कर्म
नाबालिग से बलात्कार मामले में 16 वर्षीय लड़के को उम्रकैद की सजा
EXCLUSIVE : झारखंड की सेहत बिगाड़ रहे बिना डॉक्टर के तीन मेडिकल कॉलेज, स्टाफ भी नदारद
बांग्लादेश में शरणार्थी शिविरों में रोहिंग्या कार्यकर्ताओं ने 25 अगस्त को ‘काला दिवस’ घोषित किया. साथ ही यहां दुआओं, भाषणों और गीतों का दौर भी चला. हालिया प्रवाह ने बांग्लादेश के गरीब कॉक्स बाजार जिले पर भारी दबाव डाला है, जो बहुत जल्दी से दुनिया की सबसे बड़ी शरणार्थी बस्ती बन गया है.
राहिंग्या की कई पीढ़ियों ने बांग्लादेश के इन शिविरों में रखाइन से निकाले जाने के बाद पनाह ली है और यह आंकड़ा अब 10 लाख के करीब पहुंच गया है.