फ़िल्मों में उपयोग के लिए मिल पाएगा ड्रोन?
अमरीकी प्रशासन ने कहा है कि फ़िल्म और टेलीविज़न उद्योग में ड्रोन के इस्तेमाल को अनुमति दिए जाने पर विचार किया जा रहा है. फ़ेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफ़एए) ने कहा है कि इससे ‘वास्तविक आर्थिक लाभ’ हो सकता है लेकिन सुरक्षा चिंताओं को दूर करना ज़रूरी है. एफ़एए द्वारा ड्रोन के व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए […]
अमरीकी प्रशासन ने कहा है कि फ़िल्म और टेलीविज़न उद्योग में ड्रोन के इस्तेमाल को अनुमति दिए जाने पर विचार किया जा रहा है.
फ़ेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफ़एए) ने कहा है कि इससे ‘वास्तविक आर्थिक लाभ’ हो सकता है लेकिन सुरक्षा चिंताओं को दूर करना ज़रूरी है.
एफ़एए द्वारा ड्रोन के व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए लगाए गए वर्तमान प्रतिबंध से छूट के लिए सात वीडियो और फ़ोटोग्राफ़ी फ़िल्म की याचिका एजेंसी के पास विचाराधीन है.
एफ़एए ने इस पर फ़ैसले की कोई समय सीमा नहीं तय की है.
देखी है ड्रोन की ये रहस्यमय दुनिया?
व्यापार जगत की ओर से ड्रोन के इस्तेमाल की अनुमति देने का भारी दबाव है. ड्रोन पायलट युक्त विमान की अपेक्षा काफ़ी सस्ता पड़ता है.
लेकिन एफ़एए इसको लेकर काफ़ी सतर्क है. एजेंसी का तर्क है कि अमरीका दुनिया का सबसे व्यवस्ततम हवाई मार्ग वाले देशों में से एक है.
2015 तक का समय
एजेंसी इस बात को सुनिश्चित करना चाहती है कि ड्रोन को मौजूदा व्यावसायिक और सैन्य यातायात के साथ एकीकृत किया जा सकता है या नहीं.
अमरीकी कांग्रेस ने ड्रोन या मानव रहित हवाई यान के संबंध में नियम बनाने के लिए एफ़एए को 2015 तक का समय दिया है.
ड्रोन हमले: मानवाधिकार संगठनों के निशाने पर अमरीका
‘द होबिट’ समेत कई चर्चित फ़िल्मों में इस तरह के ड्रोन अन्य देशों में पहले से ही इस्तेमाल किए जाते रहे हैं. ‘द डिजोलेशन ऑफ़ स्मॉग’ का फ़िल्मांकन न्यूज़ीलैंड में किया गया है.
बीबीसी के पास एक टीम है जिसने हवाई दृश्यों को फ़िल्माने के लिए हेक्साकॉप्टर का इस्तेमाल किया था.
इसका सबसे हालिया उपयोग 2014 वर्ल्ड कप के रन अप में ब्राज़ील के दृश्य फ़िल्माने के लिए किया गया था.
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