बेटे के नाम चिट्ठियां लिख दुनिया से विदा हुईं बीबीसी प्रेज़ेंटर
<p>बीबीसी रेडियो की प्रेज़ेंटर रैचेल ब्लैंड की बुधवार सुबह मौत हो गई. वे पिछले दो साल से ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित थीं.</p><p>रैचेल के परिजनों ने उनकी मौत की पुष्टि की है. 40 वर्षीय रैचेल बीबीसी के रेडियो 5 लाइव की जानी-मानी प्रेज़ेंटर थीं. </p><p>उन्होंने कैंसर से जुड़ा एक पॉडकास्ट ‘यू मी एंड द बिग सी’ […]
<p>बीबीसी रेडियो की प्रेज़ेंटर रैचेल ब्लैंड की बुधवार सुबह मौत हो गई. वे पिछले दो साल से ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित थीं.</p><p>रैचेल के परिजनों ने उनकी मौत की पुष्टि की है. 40 वर्षीय रैचेल बीबीसी के रेडियो 5 लाइव की जानी-मानी प्रेज़ेंटर थीं. </p><p>उन्होंने कैंसर से जुड़ा एक पॉडकास्ट ‘यू मी एंड द बिग सी’ को होस्ट भी किया था. उनके इस कार्यक्रम को काफ़ी सराहा गया था.</p><p>इसके साथ ही रैचेल पिछले दो साल से अपना एक ब्लॉग भी चला रही थीं जिसमें वो कैंसर से ख़ुद की लड़ाई के बारे में लिखा करती थीं. उनके इस ब्लॉग को अवॉर्ड भी मिल चुका है.</p><p>रैचेल की मौत का समाचार देते हुए उनके पति स्टीव ने कहा, ”वो एक बेहतरीन और टैलेंटेड ब्रॉडकास्टर थीं. इसके साथ ही वो बहुत प्यार करने वाली बेटी, बहन, आंटी, पत्नी और इन सबसे बढ़कर फ़्रेडी (उनका बेटा) के लिए बेइंतेहा प्यार करने वाली मां थीं.”</p><p>स्टीव ने रैचेल को हर मामले में परफ़ेक्ट बताया. उन्होंने कहा कि वो उन्हें कितना मिस करेंगे, यह शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता.</p><p>रैचेल का जन्म कार्डिफ़ में हुआ था. पिछले महीने उन्होंने बताया था कि वो अपने दो साल के बेटे फ़्रेडी की यादों के लिए कुछ चिट्ठियां लिख रहीं हैं जिन्हें उन्होंने ‘लव-लेटर टू माय ब्यूटीफ़ुल ब्वाय’ कहा था.</p><p><strong>बीबीसी में रैचेल </strong><strong>सफ़र</strong></p><p>रैचेल ने क़रीब 15 साल पहले बीबीसी के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी, उस समय उनका नाम रैचेल हॉज था. </p><p>इसके बाद साल 2013 में उन्होंने बीबीसी के अपने सहकर्मी स्टीव ब्लैंड के साथ शादी कर ली.</p><p>रेडियो 5 में प्रेज़ेंटर होने के अलावा रैचेल ने बीबीसी न्यूज़ चैनल, बीबीसी वर्ल्ड और बीबीसी नॉर्थ वेस्ट टुनाइट के लिए लिए भी न्यूज़ प्रेजेंट की.</p><p>नवंबर 2016 में रैचेल को अपनी बांह के नीचे एक गांठ सी महसूस हुई. इसके बाद उन्हें पता चला कि वे प्राइमरी ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हैं. </p><p>उस साल क्रिस्मस के तुरंत बाद रैचेल ने कीमोथेरेपी शुरू कर दी. इसके बाद जुलाई में उन्होंने मास्टेकटॉमी करवाई और उसके बाद इसी साल मई में उन्होंने इम्युनोथेरेपी का सहारा भी लिया. </p><p>लेकिन कैंसर उनके शरीर में बहुत ज़्यादा बढ़ चुका था और ये तमाम इलाज उसे रोकने के लिए नाकाफ़ी थे.</p><p>कैंसर से अपने संघर्ष के दौरान रैचेल लगातार पॉडकास्ट बनाती रहीं. उनके पॉडकास्ट की टैगलाइन थी "Putting the CAN in cancer". </p><p>इस पॉडकास्ट में वो कैंसर से जूझ रहे अपने कुछ अन्य साथियों को भी शामिल करती थीं. साथ ही इसमें सिलेब्रिटी मेहमान बुलाए जाते थे.</p><p>सितंबर महीने की शुरुआत में उनका पॉडकास्ट आइट्यून्स पर नंबर एक स्थान पर पहुंच गया था. उस समय रैचेल के पति स्टीव ने इससे जुड़ा एक ट्वीट भी किया था.</p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-45404417">’चंद दिनों की मेहमान’ हैं बीबीसी प्रेज़ेंटर रैचेल ब्लैंड</a></p><h1>बेटे की चिंता</h1><p>अपने अंतिम वक़्त तक रैचेल को अपने बेटे की चिंता सताती रही, पिछले महीने उन्होंने ब्रितानी अखबार<a href="https://www.telegraph.co.uk/women/family/bbc-presenter-rachael-bland-making-memories-two-year-old-son/"> द टेलीग्राफ़ में एक लेख लिखा</a> था.</p><p>इस लेख में रैचेल ने लिखा कि उन्हें मरने से डर नहीं लग रहा है, उन्हें सिर्फ़ उन लोगों के लिए दुख हो रहा है जिन्हें वो छोड़कर चली जाएंगी जिसमें उनका प्यारा बच्चा फ़्रेडी…पति स्टीव और परिवार शामिल हैं.</p><p>रैचेल ने अपने लेख में लिखा था, ”स्टीव और मैं कभी इस बारे में चर्चा नहीं करते कि मेरे जाने के बाद स्टीव कैसे उस दुख से बाहर निकलेंगे, लेकिन हम इस बारे में ज़रूर बात करते हैं कि मेरे जाने के बाद स्टीव किस तरह फ़्रेडी की देखभाल करेंगे.”</p><p>उस लेख में रैचेल ने अपने पति के बारे में लिखा था, ”मुझे पता है वो बहुत ही भावुक इंसान हैं, मेरे जाने के बाद वो बहुत रोएंगे. लेकिन वो एक शानदार पिता भी हैं, वो हमारे बेटे के लिए दोबारा मज़बूत बनेंगे और उसकी बहुत अच्छी देखभाल करेंगे.”</p><p>रैचेल अपनी यादों को एक किताब की शक्ल देना चाहती थीं, इसके लिए वो पब्लिशर की तलाश भी कर रही थीं.</p><p><a href="https://guce.oath.com/collectConsent?brandType=eu&.done=https%3A%2F%2Fwww.huffingtonpost.co.uk%2Fentry%2Fbbc-presenter-rachael-bland-this-cancer-is-growing-wildly-through-my-body_uk_5b88f132e4b0511db3d6b3f3%3Fguccounter%3D2%26guce_referrer_us%3DaHR0cHM6Ly93d3cuYmJjLmNvLnVrL25ld3MvZW50ZXJ0YWlubWVudC1hcnRzLTQ1NDEwNjUy%26guce_referrer_cs%3D49AsfUlKGXce7N4VR8d27g&sessionId=3_cc-session_52d7ef72-754d-4af1-b85d-ad2578f2e8a4&lang=en-gb&inline=false">हफिंगटन पोस्ट में प्रकाशित एक लेख </a>में उन्होंने बताया था कि उनकी किताब लगभग पूरी हो चुकी है. </p><p>इस लेख में उन्होंने यह भी बताया था कि वो फ़्रेडी के 21 साल का होने तक उसके हर एक जन्मदिन के लिए कुछ ना कुछ गिफ्ट भी तैयार कर चुकी हैं. </p><p>”वो गिफ्ट कुछ इस तरह हैं, मेरे लिखे कुछ नोट्स, जिससे उसे पता चल सके कि मैं कैसा लिखती थी और वो परफ़्यूम जो उसने ही मेरे लिए चुना था जिससे उसे पता चल सके कि मेरी ख़ुशबू कैसी थी.”</p><p><strong>ये भी पढ़ेंः</strong></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/science-44353630">क्या ब्रेस्ट कैंसर के लिए कीमोथेरेपी ज़रूरी है? </a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/entertainment-44722465">सोनाली बेंद्रे को कौन सा कैंसर हुआ है?</a></p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>