सोशल मीडिया कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के मूड में ट्रंप प्रशासन

वाशिंगटन : विचारों के स्वतंत्र आदान-प्रदान पर कथित तौर पर लगाम कसने के मामले में ट्रंप प्रशासन सोशल मीडिया कंपनियों के खिलाफ कदम उठा सकता है. न्याय विभाग ने कहा कि अमेरिका के अटार्नी जनरल जेफ सेशन्स ने इस संबंध में राज्यों के अटार्नी जनरलों की बैठक बुलाई है. विभाग के प्रवक्ता डेविन ओमैली ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 6, 2018 11:29 AM

वाशिंगटन : विचारों के स्वतंत्र आदान-प्रदान पर कथित तौर पर लगाम कसने के मामले में ट्रंप प्रशासन सोशल मीडिया कंपनियों के खिलाफ कदम उठा सकता है. न्याय विभाग ने कहा कि अमेरिका के अटार्नी जनरल जेफ सेशन्स ने इस संबंध में राज्यों के अटार्नी जनरलों की बैठक बुलाई है.

विभाग के प्रवक्ता डेविन ओमैली ने कहा, ‘ये कंपनियां प्रतिस्पर्धा को प्रभावित कर सकती हैं और जानबूझकर अपने प्लेटफॉर्मों पर विचारों के आदान-प्रदान को अवरुद्ध कर सकती हैं, इस संबंध में बढ़ती हुई चिंता को लेकर अटार्नी जनरल ने इस महीने राज्यों के अटार्नी जनरलों की बैठक बुलाई है.’ न्याय विभाग ने सोशल मीडिया पर सीनेट की इंटेलीजेंस कमेटी का पक्ष सुना. ट्रंप प्रशासन की संभावित कानूनी कार्रवाई का गैर-लाभ वाले सार्वजनिक नीति विचारक संगठन आईटीआईएफ ने विरोध किया है.

इधर फेसबुक और ट्विटर के अधिकारियों ने बुधवार को कांग्रेस को आश्वासन दिया कि अमेरिका में मतभेद पैदा करने के विदेशी प्रयासों को खत्म करने के लिए वह आक्रामक तरीके से काम कर रहे हैं. उन्होंने संकल्प लिया कि 2018 के मध्यावधि चुनाव और बाद के चुनावों में भी दखलंदाजी के खिलाफ वह अपने सोशल नेटवर्कों को बेहतर तरीके से संरक्षित करेंगे. फेसबुक की दूसरे सबसे बड़े अधिकारी शेरिल सेंडबर्ग और ट्विटर के सीईओ जैक डोरसे ने सुबह सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी के समक्ष गवाही दी.

लेकिन गूगल की पितृ कंपनी अल्फाबेट ने अपने शीर्ष अधिकारी को यहां भेजने से इनकार कर दिया था. दोपहर में डोरसे अकेले हाउस पैनल के समक्ष पहुंचे जहां उन्होंने रिपब्लिकन सदस्यों के समक्ष इस आरोप को खारिज किया कि वह रूढ़िवादियों को सेंसर कर रहा है. सुनवाई ऐसे समय हुई है जब मध्यावधि चुनाव में महज दो महीने बचे हैं और राष्ट्रपति ट्रंप ने आरोप लगाया है कि रिपब्लिकन विचारों के प्रति ट्विटर का रवैया पक्षपातपूर्ण है.

Next Article

Exit mobile version