अफगानिस्तान में तालिबान के हमलों में 60 अधिकारियों व 39 आतंकियों की मौत
मजार-ए-शरीफ : तालिबान आतंकवादियों ने देश के उत्तरी हिस्से में अलग-अलग हमले कर अफगान सुरक्षा बलों को निशाना बनाया, जिसमें उनके करीब 60 सदस्य मारे गये हैं. ये हमले ऐसे समय में हुए हैं जब 17 वर्ष से जारी हिंसा को समाप्त करने के लिए तालिबान के साथ शांति वार्ता के प्रयास जारी हैं. युद्ध […]
मजार-ए-शरीफ : तालिबान आतंकवादियों ने देश के उत्तरी हिस्से में अलग-अलग हमले कर अफगान सुरक्षा बलों को निशाना बनाया, जिसमें उनके करीब 60 सदस्य मारे गये हैं. ये हमले ऐसे समय में हुए हैं जब 17 वर्ष से जारी हिंसा को समाप्त करने के लिए तालिबान के साथ शांति वार्ता के प्रयास जारी हैं.
युद्ध ग्रस्त देश में पिछले कुछ हफ्तों में हुई हिंसा के बाद रातभर चार प्रांतों में हुई भारी गोलीबारी में सैकड़ों नागरिक, पुलिसकर्मी और सैनिक मारे गए। क्षेत्र के पुलिस प्रमुख अब्दुल कयॉम बाकिजॉय ने आगाह किया कि सर-ए-पोल स्थित सैन्य शिविर पर कब्जा करने के बाद तालिबानी आतंकवादी प्रांतीय राजधानियों को धमका रहे हैं. अगर, मदद नहीं पहुंची तो स्थिति और अधिक खराब हो सकती है. प्रांतीय गर्वनर जाहिर वाहदत ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि सर-ए-पोल के नजदीक सयाद जिले में सुरक्षा नाके पर कब्जा कर आतंकवादियों ने सुरक्षा बल के कम से कम 17 कर्मियों की हत्या कर दी. उन्होंने बताया कि हवाई मदद बुलायी गयी है. करीब 39 तालिबानी आतंकवादी मारे गये हैं और अन्य 14 घायल हुए हैं.
वाहदत ने कहा, शहर में गोलीबारी जारी है. केंद्र सरकार और मदद जल्द वहां भेजेगी. दश्त-ए-आर्ची के जिला प्रमुख नसरुद्दीन सादी ने बताया कि उत्तरी अफगानिस्तान में तालिबान की विशिष्ट रेड इकाई ने कुंदुज में कई पुलिस चौकियों पर हमले किये, जिसमें कम से कम 19 अधिकारियों की मौत हो गयी और करीब 20 लोग घायल हुए हैं. उत्तरी अफगानिस्तान पुलिस के प्रवक्ता सर्वर हुसैनी ने बताया कि समंगान प्रांत के दारा-ए-सुफ में आतंकवादियों ने दो पुलिस चौकियों पर हमला किया, जिसमें 14 अधिकारी मारे गये. प्रांतीय डिप्टी पुलिस प्रमुख अब्दुल हफीज खाशी ने बताया कि जोजजान प्रांत में सैकड़ों तालिबानी आतंकवादियों ने तुर्कमेनिस्तान के पास खोमाब जिला केंद्र पर हमला कर दिया, सुरक्षा बल के आठ सदस्यों की हत्या कर दी और सरकारी मुख्यालय पर कब्जा कर लिया.
यह हिंसा ऐसे समय में हो रही है जब अफगान और अंतरराष्ट्रीय ताकतें तालिबान के साथ शांति वार्ता के प्रयास कर रही है, जो वर्ष 2001 में अमेरिकी नेतृत्व वाले बलों की ताकतों से बाधित हो गयी थी. अमेरिकी अधिकारियों ने जुलाई में तालिबानी प्रतिनिधियों से कतर में मुलाकात की थी. दोनों के दस महीने बाद फिर मिलने की संभावना है, जिससे शांति की उम्मीदें बढ़ रही हैं.